वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में 45वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक लखनऊ में हुई। कोरोना महामारी के बाद यह पहली फिजिकल बैठक हुई है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं जो आपको सीधे प्रभावित करेंगे -
कोरोना से जुड़ी दवाओं पर सरकार ने जीएसटी की दरों में जो कटौती की है। उसकी समय सीमा अब 30 सितंबर के बजाए 31 दिसंबर 2021 होगी। बता दें, यह छूट सिर्फ रेमडेसिविर जैसी दवाओं के लिए है।
Zologensma और Vilesto जैसी महंगी दवाओं पर भी जीएसटी की छूट दी गई है। इन दवाओं की कीमत 16 करोड़ रुपये के करीब है। जीएसटी छूट मिलने के बाद अब इनकी कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी। यानी ये पहले के मुकाबले सस्ती मिलेंगी। वहीं, कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर कर दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है।
डीजल में मिलाये जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया। साथ ही जीएसटी परिषद ने जूता-चप्पल और कपड़ों पर एक जनवरी, 2022 से उल्टा शुल्क ढांचे को ठीक करने को लेकर सहमति जताई।
जीएसटी की बैठक से पहले इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि अभी पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का सही समय नहीं है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। बता दें, जीएसटी के दायरे में आने से पेट्रोल 28 रुपये और डीजल 25 रुपये सस्ता हो जाएगा।
फूड डिलेवरी प्लेटफाॅर्म जैसे Zoamto, Swiggy पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। इसके अलावा ग्राहकों पर भी कोई नया टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन इनके जरिये आपूर्ति की जाने वाली रेस्तरां सेवा पर GST का भुगतान करेंगी। इसके अतिरिक्त GST काउंसिल ने माल ढुलाई वाहनों के परिचालन के लिए राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले राष्ट्रीय परमिट शुल्क से छूट दी है।