बीते जुलाई महीने में केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों के महंगाई राहत (डीआर) में 11 फीसदी का इजाफा किया था। अब पेंशनर्स को 28 फीसदी की दर से महंगाई राहत यानी डीआर की रकम मिल रही है। महंगाई राहत की ये रकम पेंशन में जुड़कर आती है।
हालांकि, कई बार बैंकों की सुस्ती की वजह से पेंशनभोगी को पेंशन/बकाया पेंशन मिलने में देरी होती है। अगर बैंक द्वारा देरी से पेंशन की रकम डाली जाती है तो पेंशनभोगी हर्जाना प्राप्त करने के लिए पात्र है। इस संबंध में रिजर्व बैंक की ओर से सर्कुलर भी जारी किया जा चुका है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक अगर बैंक, पेंशन/ बकाया पेंशन को देरी से जमा करते हैं तो उन्हें 8 फीसदी की ब्याज दर से पेंशनभोगी को हर्जाना देना होगा। इस मामले में पेंशनर को क्लेम करने की भी जरूरत नहीं है। मतलब ये कि पेंशनभोगी के खाते में स्वत: ब्याज की रकम मिल जाएगी।
फिर बढ़ सकती है पेंशन की रकम: अगर सबकुछ ठीक रहा तो त्योहारी सीजन में एक बार फिर पेंशनभोगियों के महंगाई राहत में इजाफा हो सकता है। दरअसल, सातवें वेतन आयोग के नियमों के मुताबिक छमाही आधार पर साल में दो बार पेंशनभोगियों के महंगाई राहत में इजाफे का प्रावधान है।
इसी के तहत पहली छमाही की रकम बढ़ाई जा चुकी है लेकिन दूसरी छमाही के महंगाई राहत का ऐलान अभी नहीं हुआ है। इस बार 3 फीसदी की दर से महंगाई राहत में इजाफा हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो पेंशनभोगियों को 31 फीसदी की दर से महंगाई राहत मिलेगी। इसका फायदा 60 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों को मिलने की उम्मीद है।