मार्गशीर्ष हिंदू कैलेंडर का नौवां महीना है। जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में मां लक्ष्मी के अलावा भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। कार्तिक मास के बाद आने वाले मार्गशीर्ष महीने को पूर्वजों की शांति व मोक्ष प्राप्ति तर्पण और पितृ पूजा के लिए शुभ माना गया है। जानें मार्गशीर्ष मास 2024 में कब से कब तक रहेगा, जानें इस महीने क्या करें-क्या नहीं:
मार्गशीर्ष मास 16 नवंबर 2024, शनिवार से प्रारंभ होगा और 15 दिसंबर 2024, रविवार को समाप्त होगा।
इस माह में सभी गुरुवार को भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। मान्यता है कि अगहन यानी मार्गशीर्ष महीने में मां लक्ष्मी धरती पर आती है और उस घर में जाती हैं जहां उनकी विधिवत पूजा होती है।
इस माह में दान पुण्य के साथ नदी स्नान का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस महीने स्नान, दान व तप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
महाशिवपुराण के अनुसार, मार्गशीर्ष में चांदी का दान करने से पुरुषार्थ में वृद्धि होती है। मार्गशीर्ष माह में तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण रुष्ट हो सकते हैं।
इस महीने शीत लहर आरंभ हो जाती है ऐसे में गर्म कपड़े, कंबल, मौसमी फल, भोजन व अन्न का दान अत्यंत शुभ माना गया है। इस महीने पीतांबर, पूजन सामग्री, चंदन व जल कलश आदि भी दान कर सकते हैं।
मार्गशीर्ष माह के आरंभ होते ही खरमास प्रारंभ हो जाता है। खरमास लग जाने के बाद विवाह, मुंडन व गृह प्रवेश आदि करना वर्जित माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती हैं।
यूं तो व्यक्ति को कभी भी अपशब्द नहीं बोलने चाहिए, लेकिन मार्गशीर्ष मास में इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपशब्द बोलेने का उलटा प्रभाव स्वयं पर पड़ता है।
मार्गशीर्ष मास में भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है। इस महीने जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।