दिवाली या दीपावली की डेट को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन है। दिवाली का पर्व पांच दिन मनाया जाता है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज पर इसका समापन होता है। इस साल बड़ी दिवाली कब मनाई जाएगी, इसको लेकर लोगों का मत अलग-अलग है। कुछ लोगों का मानना है कि दिवाली 31 अक्तूबर को मनाना उत्तम रहेगा और कुछ 1 नवंबर को दिवाली मनाने की बात कह रहे हैं। जानें ज्योतिषाचार्य से दिवाली कब है और दिवाली के पूरे पांच का कैलेंडर-
धनतेरस हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, धनतेरस 29 अक्तूबर 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन धन के देवता भगवान कुबेर, मां लक्ष्मी और श्रीगणेश की पूजा का विधान है। धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण व बर्तन खरीदने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन नई झाड़ू या धनिया खरीदने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस साल छोटी दिवाली 30 अक्तूबर 2024, बुधवार को है। इसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है। इस दिन दक्षिण दिशा में यम देवता के नाम का दीपक जलाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है।
पंडित के अनुसार, इस साल दिवाली या दीपावली 31 अक्तूबर 2024 को मनाना उत्तम रहेगा। क्योंकि दिवाली पूजन में उदया तिथि नहीं बल्कि प्रदोष काल का विचार किया जाता है। ऐसे में 31 अक्तूबर को अमावस्या तिथि के साथ प्रदोष काल है। दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर प्रारंभ होगी और 01 नवंबर को शाम 06 बजर 16 मिनट तक रहेगी। 31 अक्तूबर की रात को अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी, इसलिए 31 अक्तूबर को ही दिवाली मनाना उत्तम रहेगा। इस दिन रात को काली पूजा, लक्ष्मी पूजन व निशिथ काल की पूजा की जाएगी।
गोवर्धन पूजा दिवाली के ठीक अगले दिन होती है। जिसे अन्नकूट पर्व भी कहते हैं। इस साल दिवाली के अगले दिन भी अमावस्या तिथि व्याप्त रहेगी, जिसके कारण गोवर्धन पूजा 02 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। 1 नवंबर को स्नान-दान की अमावस्या मनाई जाएगी। मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी एक अंगुली पर उठाकर भारी वर्षा से मथुरावासियों की रक्षा की थी। तभी से गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना गया है।
दिवाली के पर्व का आखिरी दिन भाईदूज होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाईदूज मनाते हैं। इस साल भाईदूज 3 नवंबर 2024 को है। इसे यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि इस दिन यमराज की बहन यमुना ने अपने भाई को सबसे पहले तिलक किया था। तभी से हर साल इस दिन बहनें अपने भाइयों को टीका करके उनके दीर्घायु होने की कामना करती हैं।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।