जूम ऐप से कार किराये पर लेकर हो जाते थे फरार, नोएडा में गिरोह के 3 लोग गिरफ्तार
ग्रेटर नोएडा पुलिस ने जूम ऐप से कार बुकिंग करने के बाद कार लेकर फरार होने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बदमाशों के पास से एक कार भी बरामद हुई है। आरोपी जो गाड़ी लेकर फरार होते थे, उसे कुछ समय बाद बेच देते थे।
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ग्रेटर नोएडा की बिसरख थाना पुलिस ने जूम ऐप से बुकिंग करने के बाद कार लेकर फरार होने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बदमाशों के पास से एक कार भी बरामद हुई है। आरोपी जो गाड़ी लेकर फरार होते थे, उसे कुछ समय बाद बेच देते थे। बरामद हुई कार ये लोग गाजियाबाद निवासी व्यक्ति को बेचने जा रहे थे।
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि कार किराये पर देने का व्यवसाय करने वाले ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक ईको विलेज निवासी अक्षय शर्मा ने शुक्रवार को बिसरख थाने में तहरीर दी कि उनकी थार, जो पत्नी के नाम पर थी, उसे जूम ऐप के माध्यम से सूर्यकांत के नाम से बुक किया गया। बुकिंग के बाद एक व्यक्ति जतिन आया और कार लेकर चला गया। तय समय पर जब जतिन कार लेकर वापस नहीं आया तो उसके मोबाइल फोन पर कॉल की गई। जतिन और सूर्यकांत का नंबर बंद आने लगा।
यह मामला संज्ञान में आने के बाद गिरोह के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एसीपी दीक्षा सिंह की अगुवाई में एक टीम गठित की गई। टीम ने शनिवार को गिरोह का पर्दाफाश कर एटीएस गोल चक्कर से चार मूर्ति की तरफ जाने वाले रास्ते से दिल्ली के शाहदरा निवासी प्रशांत ठाकुर, गाजियाबाद के गोविंदपुरम निवासी विनय सिरोही और उत्तराखंड के देहरादून निवासी जतिन वोइश को दबोच लिया। जिसकी आईडी पर किराये पर कार ली गई थी, उसकी तलाश की जा रही है। उसको पकड़ने के लिए छापेमारी हो रही है।
पुलिसस के अनुसार, केस दर्ज होने के बाद लोकल इंटेलिजेंस के माध्यम से जानकारी की गई तो पता चला कि गिरोह के सदस्य अपने परिचितों के दस्तावेज का इस्तेमाल कर जूम ऐप के माध्यम से किराये पर कार बुक करते हैं। आरोपी गाड़ी मालिक से वाहन प्राप्त कर फरार हो जाते हैं। कुछ समय बाद गाड़ी को बेच कर मोटी रकम कमाते हैं। आरोपी जतिन और विनय सिरोही ने अपने साथी सूर्यकांत का आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सिम कार्ड बिना उसकी जानकारी के चुराकर जूम ऐप के माध्यम से थार कार को दो घंटे के लिए 1800 रुपये में किराये पर ली थी। आरोपी सूर्यकांत का आधार कार्ड दिखाकर अक्षय शर्मा से कार ले गए थे।
दिल्ली में भी ऐसी वारदात कर चुके : प्रशांत ठाकुर स्नातक है और वह दिल्ली में इसी प्रकार से वारदात कर चुका है। आरोपियों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो सामने आया कि प्रशांत और विनय गिरोह का संचालन करते हैं। कार लेकर बेचने की योजना उनकी ही होती थी। आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया कि उन्होंने जूम ऐप से थार कार को किराये पर लेने के लिए अपने एक दोस्त की आईडी इस्तेमाल की थी।
लोगों को मजबूरी बताकर बेचते थे कार
पुलिस के अनुसार, आरोपी कुछ घंटे के लिए ही कार को लेते थे। बुकिंग के बाद उस आईडी को दिखाकर आरोपी कार को पेपर के साथ लेने के बाद उसे घर में कोई मजबूरी बताकर बेच देते थे। बदमाशों ने थार को गाजियाबाद में साढ़े चार लाख रुपये में बेचा था और उसकी डिलिवरी करने के लिए जा रहे थे।
आरोपी 15 दिन बाद दूसरी वारदात करते
पूछताछ में मुख्य आरोपी ने बताया कि उन्होंने साजिश रची थी कि अगर थार मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 15 दिन बाद फिर ऐसी ही वारदात करेंगे। थार के एवज में जो रकम मिलनी थी, उसे तीनों आरोपियों में बांटा जाना था। कार का सौदा तय हो गया था पर भुगतान डिलीवरी के बाद होने वाला था।
टेस्ट ड्राइव के बहाने भी ऐसी घटनाएं हुईं
शहर में बीते दो साल में पांच ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें ग्राहक टेस्ट ड्राइव के बहाने कार लेकर फरार हो गए। बीते साल सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दिल्ली निवासी आरोपी को दबोचा था। उसने ऐसी कई वारदात को अंजाम दिया था।
दस्तावेज जांचने के बाद ही वाहन दें
पुलिस अधिकारियों ने आम लोगों से अपील की है कि वे अपने दस्तावेज किसी को भी न दें। ऐसा करने से जाने-अनजाने में दस्तावेज देने वाला भी अपराध का हिस्सा बन जाता है। साथ ही, कार को किराये पर देने से पहले भी दस्तावेज को अवश्य चेक करें। अगर ठीक से यह जांच कर लेंगे तो इस प्रकार की वारदात से बच जाएंगे।