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फर्जी देख बनाया प्लान, किराए के फ्लैट में छापने लगा नकली नोट; 22 साल के छात्र ने बताया क्यों चुनी यह राह

गाजियाबाद में वेब सीरिज फर्जी से प्रभावित होकर 22 साल का लड़का अपराध के रास्ते पर चल पड़ा। कॉलेज छात्र ने कथित तौर पर खोड़ा कॉलोनी में किराए के फ्लैट से नकली पैसे का धंधा शुरू कर दिया। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में इस रैकेट का भंडाफोड़ किया।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, गाजियाबादWed, 27 Nov 2024 10:01 AM
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गाजियाबाद में वेब सीरिज फर्जी से प्रभावित होकर 22 साल का लड़का अपराध के रास्ते पर चल पड़ा। कॉलेज छात्र ने कथित तौर पर अपनी वित्तीय दिक्कतों को दूर करने के लिए खोड़ा कॉलोनी में किराए के फ्लैट से नकली पैसे का धंधा शुरू कर दिया। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में इस रैकेट का भंडाफोड़ किया। एक हफ्ते तक चले अभियान में पुलिस ने मास्टरमाइंड अनुराग शर्मा और उसके तीन साथियों - विकास भारद्वाज (42), सत्यम सिंह (19) और सचिन (24) को गिरफ्तार किया।

डीसीपी (आउटर नॉर्थ दिल्ली) निधिन वलसन ने मंगलवार को बताया कि 500 ​​रुपये के 919 नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) और 621 ए4 साइज शीट जब्त की गई हैं जिसपर 500 रुपये के नकली नोट छपे हुए थे। इनकी कुल कीमत 17.01 लाख रुपये है। इसके अलावा वॉटरमार्क बनाने के लिए गांधी की एक मोहर भी बरामद की गई है।

एसीपी यशपाल सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर पवन यादव के नेतृत्व में छापेमारी करने वाली टीम ने एक लैपटॉप, एक कलर प्रिंटर, दो लेमिनेटर, एक पेपर-कटिंग मशीन, ए4 साइज के कागजों के 9 बंडल, एक पेपर प्रेसिंग मशीन और अवैध संचालन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य उपकरण भी बरामद किए हैं। शर्मा के कमरे के अंदर पुलिस को नकली नोटों का जखीरा मिला।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस सूत्रों ने बताया कि अनुराग, जिसने अकेले विकास को 80 लाख रुपये के नकली नोट सप्लाई किए थे, कथित तौर पर पिछले छह महीनों से अपने फ्लैट में नोट छाप रहा था। पुलिस सूत्र ने दावा किया कि आरोपी ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सहित कई राज्यों में असली नोटों के साथ करोड़ों रुपये के नकली नोट मिक्स करके सर्कुलेट किए हैं।

सूत्र ने दावा किया कि शुरुआती जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मकान मालिक, जो पेशे से वकील है, उसने अनुराग को छात्र बैकग्राउंड की वजह से फ्लैट किराए पर दिया था, वह उसके अवैध कार्यों से अनभिज्ञ था। पुलिस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के बरेली के मीरगंज का रहने वाला अनुराग फर्जी वेब सीरीज से प्रभावित था। यह सीरीज एक आर्टिस्ट से जालसाज बने व्यक्ति की कहानी बताती है।

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