दिल्ली में सफाई अभियानों के बाद भी यमुना की हालात चिंताजनक, पानी नहाने लायक भी नहीं
Yamuna River Pollution: दिल्ली में सफाई अभियानों के बावजूद यमुना का पानी दो जगहों पर लोगों के नहाने लायक भी नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
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दिल्ली में सफाई अभियानों के बावजूद यमुना का पानी लोगों के नहाने लायक भी नहीं है। खासतौर पर दिल्ली और हरियाणा की सीमा पल्ला और वजीराबाद में तो यमुना का पानी बेहद प्रदूषित है। इन जगहों पर यमुना का पानी लोगों के नहाने लायक नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में यमुना के जल की गुणवत्ता को लेकर पेश की गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
मालूम हो कि पल्ला के पास ही यमुना दिल्ली की सीमा में दाखिल होती है। सीपीसीबी ने 19 फरवरी को यह रिपोर्ट एनजीटी प्रमुख जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अगुवाई वाली पीठ के सामने पेश की। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) राष्ट्रीय जल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम (एनडब्ल्यूएमपी) के तहत 7 जगहों पर यमुना जल गुणवत्ता की जांच और निगरानी करता है।
इन सात जगहों में पल्ला, वजीराबाद, आईएसबीटी ब्रिज, आईटीओ ब्रिज, निजामुद्दीन, ओखला ब्रिज (आगरा नहर का इनलेट), ओखला (शाहदरा नाले से मिलने के बाद) शामिल हैं। सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उसने पिछले साल 29 अक्तूबर, 16 और 17 दिसंबर को वजीराबाद और पल्ला में यमुना के पानी का नमूने लिया था। पानी की जांच से खुलासा हुआ कि वजीराबाद और पल्ला में यमुना का जल नहाने लायक भी नहीं है।
सीपीसीबी ने एनजीटी को बताया कि जहां तक युमना में बड़े पैमाने पर मछलियों के मरने की घटना की बात है तो इस बारे में रिपोर्ट आनी बाकी है। सीपीसीबी ने कहा कि डीपीसीसी से विस्तृत जवाब मांगा गया है। अभी डीपीसीसी की रिपोर्ट के आने का इंतजार है। बता दें कि पिछले साल बुराड़ी इलाके में यमुना में बड़े पैमाने पर मछलियों के मरने की खबरें सामने आई थीं। इन रिपोर्टों पर एनजीटी ने स्वत: संज्ञान लिया था।