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यमुना और शीशमहल; कैलाश गहलोत ने AAP से इस्तीफे की क्या बताईं वजहें

दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कैलाश गहलोत ने आज अचानक मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा देकर अरविंद केजरीवाल और 'आप' को बड़ा झटका दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अचानक गहलोत के इस्तीफे से हर कोई हैरान है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 17 Nov 2024 01:03 PM
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दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कैलाश गहलोत ने आज अचानक मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा देकर अरविंद केजरीवाल और 'आप' को बड़ा झटका दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अचानक गहलोत के इस्तीफे से हर कोई हैरान है। नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत 'आप' सरकार में परिवहन, गृह, महिला एवं बाल विकास, प्रशासनिक सुधार और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे अहम मंत्रालय संभाल रहे थे।

गहलोत ने केजरीवाल को भेजे अपने इस्तीफे में यमुना सफाई से लेकर शीशमहल तक ‘आप’ के काम पर आईना भी दिखाया है। उन्होंने कहा है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते जनता से किए हमारे कई वादे अधूरे रह गए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि है जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं।

कैलाश गहलोत में अपने पत्र लिखा, ''प्रिय श्री अरविंद केजरीवाल जी, मैं आपको दिल्ली के लोगों की सेवा करने और उनका प्रतिनिधित्व करने का सम्मान देने के लिए ईमानदारी से धन्यवाद देना चाहता हूं। हालांकि, साथ ही मैं यह भी बताना चाहता हूं कि आज आम आदमी पार्टी के सामने गंभीर चुनौतियां हैं। अंदरूनी चुनौतियाँ, उन्हीं मूल्यों के सामने जो हमें 'आप' में लेकर आईं। राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर हावी हो गई हैं, जिससे कई वादे अधूरे रह गए हैं।

उदाहरण के लिए यमुना को ही ले लीजिए, जिसे हमने स्वच्छ नदी में बदलने का वादा किया था, लेकिन कभी पूरा नहीं कर पाए। अब यमुना नदी शायद पहले से भी ज्याद प्रदूषित हो गई है।

इसके अलावा, अब 'शीशमहल' जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद हैं, जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी होने पर विश्वास करते हैं।

उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि एक और दर्दनाक बात यह रही है कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं। इसने दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं देने की हमारी क्षमता को भी बुरी तरह से कमजोर कर दिया है। अब यह स्पष्ट है कि यदि दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में बिताती है तो दिल्ली का वास्तविक विकास नहीं हो सकता।

गहलोत ने कहा कि मैंने अपनी राजनीतिक यात्रा दिल्ली के लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता के साथ शुरू की थी और मैं इसे जारी रखना चाहता हूं। यही कारण है कि मेरे पास 'आप' से अलग होने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा है और इसलिए मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।''

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