फ्री बस सेवा से महिलाओं को हर महीने होती है 8% बचत, शिक्षा- स्वास्थ्य तक बढ़ी पहुंच; रिपोर्ट में क्या-क्या खुलासा
वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) की स्टडी के अनुसार, अध्ययन के दौरान जिन महिलाओं ने जवाब दिए उनमें से आधी महिलाओं ने बताया कि उन्हें किराए में छूट की वजह से हर महीने 500 रुपये से 1,000 रुपये तक की बचत हो रही है।

दिल्ली में महिलाओं के लिए बस सेवा मुफ्त है। जिसकी वजह से उनकी मासिक घरेलू आय में 8 प्रतिशत तक की बचत हुई है। यह जानकारी गुरुवार को प्रकाशित एक स्टडी से मिली है। वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) की स्टडी के अनुसार, अध्ययन के दौरान जिन महिलाओं ने जवाब दिए उनमें से आधी महिलाओं ने बताया कि उन्हें किराए में छूट की वजह से हर महीने 500 रुपये से 1,000 रुपये तक की बचत हो रही है।
नौकरी-स्वास्थ्य तक पहुंच बढ़ी
जिन लोगों ने ऑटो-रिक्शा या मेट्रो जैसे परिवहन के अन्य साधनों से बस की तरफ स्विच किया, उनके लिए बचत काफी ज्यादा, हर महीने 1,700 रुपये से 2,300 रुपये तक थी। 'महिलाओं के लिए किराया-मुक्त बस यात्रा योजना: दिल्ली से सबक' शीर्षक वाली रिपोर्ट से पता चला है कि 2,010 महिलाओं में से 62 फीसदी ने काम और शिक्षा के लिए मुफ्त बस की सवारी की। 2019 में शुरू की गई योजना की वजह से नौकरियों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक उनकी पहुंच बढ़ी क्योंकि अब महिलाएं ज्यादा दूर और अधिक बार यात्रा करने लगी हैं।
महिला सवारियों की हिस्सेदारी बढ़ी
टीओआई के अनुसार, सरकारी डाटा और महिला बस उपयोगकर्ताओं के विस्तृत सर्वे दोनों का रिसर्च में इस्तेमाल किया गया, जिसमें महिला छात्राएं, श्रमिक और गैर-श्रमिक शामिल थे। सर्वे में हिस्सा लेने वाली लगभग 28 प्रतिशत महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से थी, जिनकी वार्षिक घरेलू आय 3 लाख रुपये से कम है और अन्य 57 फीसदी ऐसे घरों से थीं जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपये से कम है। सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में बताया गया है कि बस से यात्रा करने वाली सवारियों में महिलाओं की हिस्सेदारी 2019-20 में 33 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 42 फीसदी हो गई है।
पुरुष सदस्यों पर कम हुई निर्भरता
रिसर्च में पाया गया है कि इस योजना से महिलाओं की नौकरी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बढ़ी है। स्टडी में कहा गया है, 'इस योजना से दोगुनी जगह जा पाती हैं। खासतौर से उच्च शिक्षा संस्थानों में आने-जाने वाले छात्रों को फायदा हुआ है। महिलाओं ने बताया कि वे औसतन 10.5 किलोमीटर की यात्रा करती हैं, जिससे उन्हें बस के जरिए शहर के लगभग एक चौथाई जगहों तक पहुंचने में मदद मिलती है उन्होंने बताया कि योजना से उनकी मासिक घरेलू आय में 8 प्रतिशत तक की बचत हुई है। किराया माफी से महिलाओं की निर्भरता भी परिवार के पुरुष सदस्यों पर कम हुई है। वे अकेले यात्रा या परिवार के अन्य सदस्यों के लिए परिवहन लागत का भुगतान कर सकती हैं।'