दिल्ली में नहीं घट रहा तापमान, क्यों बढ़ा सर्दी का इंतजार; 3-4 दिन में हल्का कोहरा दिखने के आसार
दिल्ली में अगले छह दिनों तक न्यूनतम तापमान सामान्य तापमान से लगभग तीन से चार डिग्री सेल्सियस अधिक रहने का पूर्वानुमान है। जिससे इस साल सर्दी का मौसम आने में देरी होगी।
दिल्ली में अगले छह दिनों तक न्यूनतम तापमान सामान्य तापमान से लगभग तीन से चार डिग्री सेल्सियस अधिक रहने का पूर्वानुमान है। जिससे इस साल सर्दी का मौसम आने में देरी होगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों और भविष्यवाणियों के अनुसार, यह संभावना है कि दिल्ली में 30 दिनों की अवधि के दौरान न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा।
पश्चिमी विक्षोभों और विशेष रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी न होने की वजह से उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने के बावजूद रात के समय तापमान में कोई भारी गिरावट नहीं आई है। स्काईमेट मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, 'अक्टूबर से नवंबर की शुरुआत तक इस अवधि के दौरान हम कम से कम एक या दो सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ देखते हैं। इससे मैदानी इलाकों में हल्की बारिश और पहाड़ों पर बर्फबारी की संभावना रहती है। अभी तक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ पूरी तरह से गायब रहे हैं।'
13 किलोमीटर में 9 डिग्री का अंतर
राजधानी दिल्ली में रविवार को रिज मौसम केंद्र और पीतमपुरा के न्यूनतम तापमान में नौ डिग्री सेल्सियस का अंतर रहा। इन दोनों के बीच की दूरी मात्र 13 किलोमीटर है। दिल्ली में नवंबर महीने के पहले 10 दिन बीत चुके हैं। अभी तक सर्दी का आगमन नहीं हुआ है। इससे पहले अक्तूबर महीने का भी औसत तापमान पिछले 73 सालों में सबसे ज्यादा रहा था। नवंबर भी पहले के सालों से खासा गर्म साबित हो रहा है। ज्यादातर दिनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री तक ज्यादा रह रहा है।
वहीं, दिल्ली के अलग-अलग मौसम केंद्रों के बीच तापमान में खासा अंतर भी देखने को मिल रहा है। रविवार को दिल्ली के रिज मौसम केन्द्र का न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो कि सामान्य से दो डिग्री कम है। वहीं, पीतमपुरा का न्यूनतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
अगले तीन-चार दिन हल्का कोहरा दिखने के आसार
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले तीन-चार दिनों में सुबह के समय हल्का कोहरा रहेगा। दिन के समय धूप निकलेगी और आसमान साफ रहेगा। रविवार को भी दिल्ली के सफदरजंग और पालम मौसम केन्द्र में कुछ समय के लिए दृश्यता का स्तर एक हजार मीटर से कम रहा। उधर दिन के समय अलग-अलग कारणों से गर्मी पैदा होती है, लेकिन रात में यह गर्मी विलीन होने लगती है। इससे तापमान में गिरावट आती है। दिल्ली में बहुत ज्यादा कंक्रीट के निर्माण होने के चलते यह गर्मी इसी में फंस कर रह जाती है। इसी को शहरी ताप प्रभाव (अर्बन हीट इफेक्ट) कहा जाता है।