ग्रेटर नोएडा के 14,931 घरों की होगी बिजली गुल? बिल नहीं देने वालों के NPCL कल से काटेगी कनेक्शन
बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक जरूरी खबर है। एनपीसीएल ने बिजली बिल के बकायेदारों पर बड़ा ऐक्शन लेने की तैयारी शुरू कर दी है। ग्रेटर नोएडा के 10 गांवों में कल से लंबे समय से बिल नहीं भरने वाले बकायेदारों के कनेक्शन काटने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इन गांवों में 14,931 उपभोक्ता ऐसे हैं।
बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक जरूरी खबर है। नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) ने बिजली बिल के बकायेदारों पर शिकंजा कसने और बड़ा ऐक्शन लेने की तैयारी शुरू कर दी है। ग्रेटर नोएडा के तिलपता करनवास, सैनी, साकीपुर, श्योराजपुर और खेड़ी समेत 10 गांवों में सोमवार से बकायेदारों के कनेक्शन काटने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इन गांवों में 14,931 उपभोक्ता ऐसे हैं, जो लंबे समय से बिल का भुगतान नहीं कर रहे। इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है।
एनपीसीएल के पास ग्रेटर नोएडा शहरी क्षेत्र के अलावा 118 गांवों में बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी है। ग्रामीण उपभोक्ताओं से बकाया बिल वसूलने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। लगभग हर गांव में ऐसे उपभोक्ता हैं, जो नोटिस भेजने के बाद भी बकाये का भुगतान नहीं कर रहे हैं।
एनपीसीएल के प्रवक्ता मनोज झा ने बताया कि बकायेदारों पर शिकंजा कसने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। बिजली चोरी के साथ बकायेदार उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान न किए जाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा। कार्रवाई से पहले गांवों में कैंप लगाए जा रहे हैं।
पहले इन स्थानों पर कार्रवाई की जाएगी
प्रथम चरण में तिलपता करनवास, सैनी, साकीपुर, श्योराजपुर, खेड़ी, खैरपुर गुर्जर, बिसरख जलालपुर, जुनैदपुर, सूरजपुर और सुनपुरा में अगले 2-3 दिन में विद्युत निगम की टीम पुलिस बल के साथ बकायेदारों के कनेक्शन काटेगी। इन गांवों में 14,931 ऐसे उपभोक्ता हैं, जो लंबे समय से बकाये का भुगतान नहीं कर रहे हैं। कई बार नोटिस भेजे जा चुके हैं। अब इन पर कार्रवाई की जाएगी।
अब तक 352 लोगों के कनेक्शन काटे गए
एनपीसीएल से मिली जानकारी के मुताबिक, तीन दिन में तिलपता, करनवास, थापखेड़ा, खोदनाखुर्द, सूरजपुर, खेड़ा चौगानपुर, मुबारकपुर, सुनपुरा और ऐच्छर गांव में अभियान के दौरान 352 बकायेदारों कनेक्शन काटे गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि अभियान और तेज किया जाएगा। उन सभी गांवों को चिन्हित कर लिया गया है, जहां बकायेदारों की संख्या ज्यादा है। उपभोक्ता बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इससे राजस्व को नुकसान हो रहा। ऐसे में सख्ती करना जरूरी है।