…तो वोटरों के साथ कुछ भी कर सकती है BJP, नई दिल्ली में बड़ा घोटाला; संजय सिंह ने क्यों किया ऐसा दावा
- संजय सिंह ने कहा कि पार्टी ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से बात की है और मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, हमने लगातार चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की है।
आम आदमी पार्टी लगातार बीजेपी पर वोट काटने का आरोप लगा रही है। इसी मामले को लेकर पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को बीजेपी पर चुनावी घोटाला करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, भाजपा "चुनावी घोटाले के जरिए चुनाव जीतना चाहती है। घोटाला।
उन्होंने कहा, “बीजेपी अरविंद केजरीवाल के विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के लिए अभियान चला रही है। यह एक घोटाला है। AAP के राज्यसभा सांसद ने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में कुछ मतदाताओं को संबोधित करते हुए दावा किया कि उन लोगों को टारगेट किया जाता है जो सालों से क्षेत्र में रह रहे हैं । अगर बीजेपी उनके नाम कटवा सकती है तो इसका मतलब उनके साथ कुछ भी कर सकती है।
संजय सिंह ने आगे कहा कि पार्टी ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से बात की है और मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, "हमने लगातार चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की है। बीजेपी चुनावी घोटाले के जरिए चुनाव जीतना चाहती है।"
इससे पहले मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाए जाने को लेकर बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह और दिल्ली प्रदेश भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा के बीच जुबानी जंग छिड़ गई।। संजय सिंह ने कहा कि भाजपा ‘‘हमारे पूर्वांचली भाइयों को निशाना बना रही है, उन्हें बांग्लादेशी और रोहिंग्या कह रही है।’’ पूर्वांचली पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग हैं जो दशकों से दिल्ली में बसे हैं और शहर में उनकी अच्छी खासी संख्या है।
सचदेवा ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि ‘आप’ न केवल गरीबों, बल्कि दिल्ली के प्रतिष्ठित नागरिकों के वोट भी कटवाने की साजिश कर रही है, जिनमें एक शीर्ष नौसेना अधिकारी और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के बेटे भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि नौसेना के एक वाइस एडमिरल, लोकसभा महासचिव और भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति के बेटे का नाम मतदाता सूची से हटाने के प्रयासों के बारे में जानकारी सामने आई है। सचदेवा के अनुसार, ‘आप’ की कथित साजिश का उद्देश्य केवल निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता को कम करना है।
भाषा से इनपुट