Delhi Weather : कमजोर पश्चिमी विक्षोभों से बिगड़ा दिल्ली के मौसम का मिजाज, बसंत के दिन हो रहे कम
कमजोर पश्चिमी विक्षोभों से राजधानी के मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। इसके चलते बसंत के दिन भी कम हो रहे हैं। पूरा जनवरी बीत गया, लेकिन कम ही दिन रहे जब लोगों को कड़ाके की ठंड का अहसास हुआ। फरवरी में भी तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है।
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कमजोर पश्चिमी विक्षोभों से राजधानी के मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। इसके चलते बसंत के दिन भी कम हो रहे हैं। पूरा जनवरी बीत गया, लेकिन कम ही दिन रहे जब लोगों को कड़ाके की ठंड का अहसास हुआ। फरवरी में भी तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है।
मौसम निगरानी संस्था स्काईमेट के विज्ञानी महेश पालावत बताते हैं कि अब सर्दी के बाद सीधे ही गर्मी के दिन आ रहे हैं। पहले जाड़े और गर्मी के बीच में एक ऐसा समय रहता था, जो आरामदायक मौसम होता था। लोग बसंत के इस मौसम का आनंद लेते थे। बीते कुछ साल में ऐसा देखने में आ रहा है कि बसंत का यह समय कम होता जा रहा है। इसके पीछे का कारण ग्लोबल वार्मिंग जैसी मौसम की वैश्विक परिघटनाएं हैं। राजधानी में इस बार एक दिन भी ऐसा नहीं रहा जब शीतलहर या शीत दिवस की स्थिति बनी हो। इसकी तुलना अगर पिछले साल से करें तो वर्ष 2024 के जनवरी में 5 दिन ऐसे रहे थे जब शीतलहर चली थीं। इस दौरान न्यूनतम तापमान 4 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया गया था। इस साल जनवरी में ज्यादातर दिनों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। सिर्फ 9 जनवरी को न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से नीचे 4.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया था।
तेज धूप से साढ़े चार डिग्री ज्यादा रहा तापमान
दिल्ली में शुक्रवार सुबह हल्का कोहरा देखने को मिला। हालांकि, दिन चढ़ने के साथ ही कोहरा साफ हो गया और धूप निकल आई। इसके चलते तापमान में इजाफा हुआ। दिल्ली की मानक वेधशाला सफदरजंग में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 4.7 डिग्री ज्यादा है। न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.1 डिग्री ज्यादा रहा।
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तापमान के साथ प्रदूषण के स्तर पर भी असर पड़ा
बारिश कम होने का असर राजधानी के तापमान के अलावा प्रदूषण के स्तर पर भी देखने को मिला है। सीपीसीबी के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 351 अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। अगले कुछ दिनों के बीच भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता का स्तर इसी के आसपास रहने की संभावना है।
इस बार सामान्य से 65 फीसदी कम हुई बारिश
इस बार जनवरी का महीना आमतौर पर सूखा रहा है। दिल्ली के सफदरजंग में सामान्य तौर पर जनवरी में 19.2 मिलीमीटर बारिश होती है। इस बार सिर्फ 6.6 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। यह सामान्य से 65 फीसदी कम है। इसके चलते बादल भी कम रहे और हवा में नमी भी कम बनी। बादल नहीं रहने से धूप तेज रही और नमी कम होने से कोहरा भी कम रहा। इसके चलते मौसम सामान्य से ज्यादा गर्म रहा।
ये हैं पांच मुख्य कारण
● इस बार पश्चिमी विक्षोभ आने की संख्या तो सामान्य रही, लेकिन प्रभाव कम रहा
● पहाड़ों पर भारी बर्फबारी वाले दिनों की संख्या आमतौर पर कम रही
● कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के चलते चक्रवाती हवा का क्षेत्र नहीं बना
● उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश सामान्य से कम हुई
● मौसम में नमी कम रही। इससे कोहरे वाले दिन और कोहरे के समय में भी कमी आई
अचानक मौसम में बदलाव से हो सकती हैं ये दिक्कतें
● शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन, थकान, और अन्य समस्याएं हो सकती हैं
● त्वचा में जलन, खुजली और दाने
● अस्थमा के दौरे पड़ सकते हैं, खासकर उनको जो पहले से ही इन समस्याओं से ग्रस्त हैं
● पाचन संबंधी समस्याएं जैसे दस्त, उल्टी और पेट दर्द हो सकता है
● मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है। जैसे तनाव, चिंता और अवसाद की दिक्कत