विकास दिव्यकीर्ति का बड़ा फैसला, दिल्ली से बाहर शिफ्ट करने जा रहे अपनी कोचिंग
विकास दिव्यकीर्ति ने बड़ा फैसला लेते हुए बताया कि हम अपनी कोचिंग को मुखर्जी नगर से दूसरी जगह शिफ्ट करने जा रहे हैं। आपको बता दें कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर की राव आईएएस कोचिंग के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के बाद से एमसीडी ने कई कोचिंग संस्थानों को सील कर दिया था।
सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कराने वाली जानी-मानी कोचिंग संस्था दृष्टि आईएएस अपना कोचिंग सेंटर मुखर्जी नगर से शिफ्ट कर रही है। बताया जा रहा है कि यह कोचिंग नोएडा में स्थानांतरित होगी। आपको बता दें कि ओल्ड राजेंद्र नगर के तलघर में सिविल सर्विस की तैयारी करने वाली कोचिंग राव आईएएस में तीन छात्रों की मौत के बाद से एमसीडी यानी दिल्ली नगर निगम ने दृष्टि आईएएस समेत दिल्ली के कई कोचिंग सेंटर को सील कर दिया था। इसी के साथ यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कई अन्य संस्थान भी इसी रास्ते पर चलते हुए अपनी कक्षाओं को मुखर्जी नगर से दूसरी जगहों पर स्थानान्तरित करने का विचार कर रहे हैं।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में मुखर्जी नगर पूरी तरह से खाली हो जाएगा, क्योंकि ज्यादातर बड़े कोचिंग संस्थान यहां से अपनी कक्षाओं को हटाने की सोच रहे हैं। इसके पीछे का बड़ा कारण सुरक्षा के अभाव में दिल्ली तथा केंद्र सरकार के नियमों का पालन ना हो पाना है। हालिया समय में फायर सेफ्टी,बिल्डिंग के ढांचे और सुरक्षा से जुड़ी कई तरह की एनओसी सरकारी नियमों के तय मानकों के हिसाब से नहीं हैं। हालांकि दृष्टि आईएएस की प्रबंधन टीम से जुडे़ सदस्यों ने बताया कि हम पहले से ही नोएडा के कई इलाकों में जगह देख रहे हैं।
आपको बता दें कि मुखर्जी नगर में तकरीबन 100 से ज्यादा कोचिंग संस्थान चलते हैं। फिलहाल सभी में एक तरह की समस्या है, सुरक्षा से जुड़े मानक पूरे ना करना। 27 जुलाई को हुई 3 छात्रों की मौत के बाद से राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में कई कोचिंग सेंटर सील किए गए हैं जो तलघर में चल रहे थे। इन कारणों से मुखर्जी नगर की छोटी-मोटी दुकानों में समस्या आने लगी है। यह समस्या रोजी-रोटी की है। क्योंकि अब उन इलाकों में चहल-पहल कम हो गई है। इस कारण खाने-पीने, पढ़ने-लिखने की दुकानों की बिक्री भी कम हो गई है।
इन सबके बीच छात्र भी परेशान हैं कि वो कहां जाएं। दूसरी जगह जाने पर बजट की सबसे बड़ी समस्या सामने निकल कर आ रही है। दृष्टि प्रबंधन से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि हम रहने लायक इमारतों के बारे में भी सोच रहे हैं ताकि छात्र आसानी से प्रवास कर सकें।