बहन से संबंध पर चचेरे भाई को दी खौफनाक मौत; ग्रेटर नोएडा की अदालत ने दो भाइयों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर की एक जिला और सत्र अदालत ने 2021 में अपने चचेरे भाई की हत्या के लिए दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर की एक जिला और सत्र अदालत ने ग्रेटर नोएडा में 2021 में अपने चचेरे भाई की हत्या के लिए दो भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों को अपनी और चचेरे भाई के बीच संबंध से नाराज थे। मृतक और दोषी मूलरूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के निवासी थे।
अभियोजन अधिकारियों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 28 वर्षीय अनिल और 30 वर्षीय सुनील ने 24 वर्षीय राजू की हत्या कर दी थी। उन्हें अपनी 22 वर्षीय बहन और राजू के बीच संबंध से गुस्से में थे।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्रा ने 13 अगस्त को दोनों भाइयों को दोषी करार दिया और उन्हें 14 अगस्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
अदालत ने फैसला सुनाया, “अनिल और सुनील को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास, धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दस साल की कैद और धारा 201 (साक्ष्य मिटाने) के तहत तीन साल की कैद की सजा सुनाई जाती है।”
अदालत ने दोनों आरोपियों पर 35,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और कहा कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
क्या है पूरा मामला
मामले में अभियोजन अधिकारी अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी) नितिन त्यागी ने बताया कि युवती और राजू के 19 दिसंबर, 2021 को घर से भागने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने बताया कि वे नोएडा से होते हुए बस से दिल्ली जा रहे थे, तभी ग्रेटर नोएडा के परी चौक पर अनिल और सुनील ने उन्हें पकड़ लिया।
नितिन त्यागी ने बताया कि दोनों भाई सूरजपुर में किराये के मकान में रहते थे। जब उन्हें सूचना मिली कि उनकी बहन राजू के साथ घर से भाग गई है, तो वे परी चौक पहुंचे। परी चौक पर दोनों भाई उनसे मिले और इस मुद्दे पर चर्चा करने के बहाने उन्हें एक पार्क में सुनसान जगह पर ले गए। वहां उन्होंने उन पर ईंटों और पत्थरों से हमला कर दिया। इस हमले में युवती और राजू दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद दोनों भाई उन्हें मरा हुआ समझकर भाग गए। घंटों बाद रोमा को होश आया और उसने एक राहगीर की मदद से पुलिस को वारदात की सूचना दी।
घायल युवती और राजू को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां राजू को मृत घोषित कर दिया गया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने हत्या और हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर 21 दिसंबर 2021 को हत्या के आरोपी दोनों भाइयों को उनके फतेहपुर स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया।
त्यागी ने बताया कि पुलिस की पूछताछ के दौरान अनिल और सुनील ने हत्या की बात कबूल करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने राजू का मोबाइल फोन और 2,550 रुपये लेकर उसे सूरजपुर में अपने किराये के मकान में छिपा दिया था। पुलिस ने बताए गए स्थान से फोन और नकदी बरामद कर ली थी।
मुकदमे के दौरान युवती ने गवाही दी कि उनके परिवार और स्थानीय ग्रामीणों ने राजू के साथ उसके रिश्ते का कड़ा विरोध किया था। अभियोजक ने कहा, "इसी वजह से वह और राजू घर छोड़कर ग्रेटर नोएडा आ गए। यही वजह है कि उसके भाईयों उस पर और राजू पर हमला किया।
राजू के पिता जुग्गी लाल ने अदालत को बताया कि उनके बेटे की हत्या के लिए अनिल और सुनील जिम्मेदार हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि राजू और युवती के गांव से भाग जाने पर अनिल और सुनील ने धमकियां दी थीं। मुझे भी लगता है कि उन्होंने मेरे बेटे को मार डाला।"
मृतक की मेडिकल जांच करने वाले डॉ. रोहित त्यागी ने कहा, "मृतक के चेहरे और शरीर पर कई जगह खरोंचें थीं। उसकी नाक टूटी हुई थी... उसकी ठोड़ी पर घाव था और गर्दन और सिर पर भी खरोंचें थीं। मौत की वजह चोटों के कारण खून की कमी है।"
अदालत में सुनवाई के दौरान, बचाव पक्ष के वकील मुबीन खान ने दलील दी कि अनिल और सुनील को गलत तरीके से फंसाया गया है और सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया जाना चाहिए। हालांकि, अदालत ने अपना फैसला सुनाने के लिए अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही और मेडिकल साक्ष्य पर भरोसा किया।