जेवर एयरपोर्ट पर 15 नवंबर से शुरू होगा विमानों का ट्रायल, जान लें अगले 15 दिन का शेड्यूल
उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा इंंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इसी सप्ताह से रनवे की जांच शुरू करने की तैयारी है। 15 नवंबर से लगातार एक महीने तक विमान उतरेंगे। इसके बाद 30 नवंबर को यात्रियों को बैठाकर विमान की रनवे पर लैंडिंग की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा इंंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इसी सप्ताह से रनवे की जांच शुरू करने की तैयारी है। 15 नवंबर से लगातार एक महीने तक विमान उतरेंगे। इसके बाद 30 नवंबर को यात्रियों को बैठाकर विमान की रनवे पर लैंडिंग की जाएगी। हालांकि, 25 नवंबर तक डीजीसीए से फ्लाइट ट्रायल के लिए अनुमति लेनी जरूरी होगी।
यमुना प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। डीजीसीए ने उपकरणों का निरीक्षण भी किया था। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित किया जा चुका है, जिसकी एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर के जरिए 10 से 14 अक्टूबर तक जांच की गई थी। आईएलएस एक रेडियो नेविगेशन सिस्टम है, जो विशेष रूप से लो विजिबिलिटी की स्थिति में दृष्टिकोण और लैंडिंग के दौरान पायलट को सही जानकारी देता है।
आईएलएस एक आवश्यक सुरक्षा प्रणाली है, जो पायलटों को कोहरे, बारिश या अन्य प्रतिकूल मौसम स्थितियों के कारण विजिबिलिटी काफी कम होने पर भी सुरक्षित रूप से उतरने में सक्षम बनाती है। अब उड़ान के लिए जरूरी लाइसेंस का आवेदन और रनवे की टेस्टिंग 15 नवंबर से शुरू हो जाएगी। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।
एयरपोर्ट पर अगले वर्ष 17 अप्रैल से व्यावसायिक विमानों की उड़ानें शुरू हो जाएंगी। ऐसे में 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक ट्रायल के लिए विभिन्न एयरलाइंस के खाली विमान रनवे पर उतारे जाएंगे। 30 नवंबर को तीन प्रकार के एयरक्राफ्ट और विमान उतारकर रनवे की टेस्टिंग होगी। उस दिन विमानों में कू मेंबर से लेकर यात्री तक सब रहेंगे। कॉमर्शियल उड़ान के लिए 90 दिन पहले सभी लाइसेंस ले लिए जाएंगे।
यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा, ''एयरपोर्ट पर निर्धारित तिथिवार सभी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। अब तक सभी कार्य निर्धारित तिथि पर हुए हैं। 15 नवंबर से विमान रनवे की टेस्टिंग के लिए लैंड करेंगे। यह प्रक्रिया लंबी चलेगी।''