Hindi Newsएनसीआर न्यूज़tihar warder was running drug factory with prisoner 95 kg methamphetamine seized

तिहाड़ का वार्डर कैदी के संग चलाने लगा नशे की फैक्ट्री, 95 किलो ड्रग्स जब्त; ग्रेटर नोएडा में सप्लाई

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की ऑपरेशन यूनिट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ मिलकर ग्रेटर नोएडा के कासना औद्योगिक क्षेत्र में एक ड्रग्स फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है। यहां से लगभग 95 किलोग्राम मेथाम्फेटामाइन बरामद किया गया।

Sneha Baluni हिन्दुस्तानWed, 30 Oct 2024 07:46 AM
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हैरानी की बात यह है कि तिहाड़ के वार्डर ने कैदी के साथ पार्टनरशिप कर फैक्टरी खोली थी। इस मामले ने फिर यह साबित कर दिया कि तिहाड़ में कैदी और अधिकारियों के बीच मिलीभगत बदस्तूर जारी है।

वार्डर और कैदी की जेल में दोस्ती हुई

पुलिस जांच में सामने आया कि राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) ने आरोपी कारोबारी को एनडीपीएस के एक मामले में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उसे तिहाड़ में रखा गया, जहां उसकी दोस्ती जेल के वार्डर से हो गई। कारोबारी बाहर आया तो उसने दोबारा ड्रग्स की फैक्टरी खोलने के लिए जेल के वार्डन से मदद मांगी। दोनों के बीच पार्टनरशिप हुई और फिर वॉर्डर ने अवैध फैक्टरी स्थापित करने, विभिन्न स्रोतों से मेथम्फेटामाइन के निर्माण के लिए आवश्यक रसायन प्राप्त करने और मशीनरी आयात करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

दोनों लंबे समय से साथ काम कर रहे थे। तिहाड़ जेल में कार्यरत कर्मचारियों पर कैदियों की मदद के आरोप पहले भी लगे हैं। तथाकथित ठग सुकेश चन्द्रशेखर के तिहाड़ में रहने के दौरान उसे अवैध रूप से मोबाइल और अन्य सामान उपलब्ध कराने की एवज में पैसे और अन्य फायदे लेने के आरोप तिहाड़ में मौजूद कर्मचारी और अधिकारी पर लगे थे।

तिहाड़ प्रशासन को सूचना नहीं दी

तिहाड़ प्रशासन का कहना है कि इस मामले में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। अगर ऐसा होता है तो सीसीएस (सीसीए) कंडक्ट रूल के अनुसार सरकारी कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी।

गिरोह के तार मेक्सिको से जुड़े

एनसीबी ने बताया कि मेक्सिको के मादक पदार्थ गिरोह की पहचान कार्टेल डि जालिस्को नुएवा जनरेशियन (सीजेएनजी) के रूप में हुई है। फैक्टरी से एसीटोन, सोडियम हाइड्रोक्साइड, मेथिलीन क्लोराइड, उच्च गुणवत्ता का इथेनॉल, टोल्यूईन, लाल फॉस्फोरस, इथाइल एसीटेट जैसे रसायन और मादक पदार्थ के उत्पादन के लिए आयातित मशीन जब्त की गई है। एनसीबी का मानना है कि मेथाम्फेटामाइन और मेफेड्रोन जैसे मादक पदार्थों के उत्पादन की कम लागत को देखते हुए ड्रग माफिया औद्योगिक क्षेत्रों में तेजी से गोपनीय लैब स्थापित कर रहे हैं।

प्रयोगशाला से निकलने वाला धुआं खतरनाक

इस तरह के कारखानों में मशीनरी, प्रयोगशालाओं से उत्पन्न अपशिष्ट और रासायनिक प्रसंस्करण के दौरान चिमनी से निकलने वाला जहरीला धुआं बहुत खतरनाक होता है। स्थानीय पुलिस को संवेदनशील बनाने और गुप्त प्रयोगशालाओं का पता लगाने की उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए एनसीबी लगातार देश के विभिन्न हिस्सों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।

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