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तीसरी पास जावेद का दुबई से चीन तक फैला नेटवर्क, मोबाइल टावर से डिवाइस चुराकर की करोड़ों कमाए

मोबाइल टावरों में चोरी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गैंग का सरगना जावेद मीरपुरिया महज तीसरी पास है। वह भारत से चुराए गए इन उपकरणों को दुबई और चीन के हांगकांग भेजता था। गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसकी निशानदेही पर 35 लाख रुपये के उपकरण बरामद किए हैं।

Praveen Sharma हिन्दुस्तान, गाजियाबादFri, 11 Oct 2024 10:19 PM
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मोबाइल टावरों में चोरी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सरगना जावेद मीरपुरिया की निशानदेही पर गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 35 लाख रुपये के उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, महज तीसरी पास जावेद भारत से चुराए गए इन उपकरणों को दुबई और चीन के हांगकांग भेजता था।

डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि 3 मई को 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों से 4 करोड़ रुपये के उपकरण मिले थे। साथियों के पकड़े जाने के बाद सरगना जावेद मीरापुरिया दुबई भाग गया था। उस पर एक लाख रुपये का इनाम था। मंगलवार रात जावेद दुबई से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा तो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गाजियाबाद पुलिस ने बुधवार को उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ की।

डीसीपी सिटी के मुताबिक, जावेद सात भाई-बहन हैं। जावेद के पिता कबाड़ का काम करते थे। पढ़ाई छोड़कर जावेद कंप्यूटर और मोबाइल के पत्तों के कबाड़ का काम करने लगा। काम चल निकला तो उसने यमुना विहार दिल्ली निवासी अबरार संग कारोबार शुरू कर दिया और मोबाइल के पत्तों को चीन भेजने लगा। जावेद अपने परिवार के साथ गोकुलपुरी दिल्ली के भागीरथी विहार में रहता है।

जहाज के जरिये भेजता था उपकरण

डीसीपी सिटी के मुताबिक, चीन की पार्टियों से संपर्क होने पर जावेद अबरार से अलग हो गया और सीधे व्यापार करना लगा। वर्ष 2020 में लॉकडाउन के बाद वह मुस्तफाबाद में मोबाइल टावरों के आरआरयू (रेडियो रिसीवर यूनिट) के कबाड़ का काम करने वाले दिनेश से मिला। जावेद आरआरयू दिनेश को देने लगा। दिनेश विशाखापट्टनम के किसी व्यक्ति को आरआरयू सप्लाई कर माल को दुबई भेजता था। दिनेश के जेल जाने के बाद जावेद ने उसके साथ काम करने वाले व्यक्ति से दुबई का पता ले लिया और वहां लेवल-थ्री कंपनी के हैदराबाद निवासी मालिक अलीमुद्दीन से मिला। इसके बाद सीधे उपकरण अलीमुद्दीन को भेजने लगा। वहां से उसका संपर्क हांगकांग के व्यक्ति से हुआ। 50 से 60 आरआरयू एकत्र होने के बाद जावेद उन्हें पानी वाले या हवाई जहाज से दुबई की कंपनी लेवल-थ्री और हांगकांग की कंपनी वी-फोन को भेजता था। स्क्रैप का बिल लगाकर भेजा जाता था। बिल की रकम का भुगतान ऑनलाइन और बाकी रकम हवाला के जरिये भेजी जाती थी।

गिरोह के सदस्यों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी

जावेद ने बताया कि गिरोह के बदमाश विभिन्न राज्यों में मोबाइल टावरों से उपकरण चोरी करते हैं। जावेद आरआरयू को 60 हजार रुपये में खरीदता था और 16 लाख रुपये में बेचता था। जावेद के खिलाफ दिल्ली-नोएडा में एक-एक और गाजियाबाद में पांच मुकदमे दर्ज हैं। जावेद ने दिल्ली और दुबई में करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। जावेद और उसके गिरोह के सदस्यों की संपत्ति कुर्क की जाएगी।

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