मुसलमानों का दिल जीतिए; नमाज के दौरान भावुक हुए इमाम बुखारी, PM मोदी से लगाई गुहार
- उन्होंने मुस्लिम युवाओं से धैर्य बनाए रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि कोई भी कदम सोच-समझकर उठाएं। यह अपील उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसक झड़पों के बाद आई है।
दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने शुक्रवार की नमाज के दौरान देश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव पर चिंता व्यक्त की। इस दौरान वह भावुक हो गए। उन्होंने नम आंखों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुस्लिम समुदाय के साथ संवाद स्थापित करने की विशेष अपील की। उन्होंने कहा, "हम 1947 से भी बदतर स्थिति में खड़े हैं। किसी को नहीं पता कि देश भविष्य में किस दिशा में जाएगा।"
इमाम बुखारी ने प्रधानमंत्री से तत्काल इस मुद्दे पर संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि तीन हिंदुओं और तीन मुसलमानों को बुलाकर वार्ता की जाए। उन्होंने कहा, "आप उस कुर्सी के साथ न्याय कीजिए जिस पर आप बैठे हैं। मुसलमानों का दिल जीतिए। उन उपद्रवियों को रोकिए जो देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं।"
मुस्लिम युवाओं से संयम की अपील
उन्होंने मुस्लिम युवाओं से धैर्य बनाए रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि कोई भी कदम सोच-समझकर उठाएं। यह अपील उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसक झड़पों के बाद आई है। झड़पें मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के कोर्ट के आदेश के बाद सर्वेक्षण के दौरान हुईं, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए।
आपको बता दें कि 19 नवंबर को कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया। एक याचिका में दावा किया गया था कि इस स्थल पर पहले एक हरिहर मंदिर था। इसके बाद से संभल में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
मस्जिदों के सर्वेक्षण पर चिंता
बुखारी ने कहा, "ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने हमें बताया है कि दिल्ली जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन सरकार को संभल, अजमेर और अन्य जगहों पर हो रहे सर्वेक्षणों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। ये चीजें देश के लिए अच्छी नहीं हैं।" उन्होंने आगे कहा, "लम्हों ने खता की, सदियों ने सजा पाई। आखिर कब तक देश हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद के मुद्दों पर चलेगा?"
अजमेर दरगाह पर नया विवाद
हाल ही में राजस्थान की एक अदालत में याचिका दायर की गई है जिसमें दावा किया गया है कि अजमेर शरीफ दरगाह शिव मंदिर पर बनी है। इस याचिका को स्वीकार करते हुए अजमेर की अदालत ने ASI, अजमेर दरगाह कमेटी और अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।