बिभव कुमार को झटका, स्वाति मालीवाल केस में कोर्ट ने खारिज की आरोपपत्र से जुड़ी याचिका
दिल्ली की एक अदालत से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को झटका लगा है। कोर्ट ने आप सांसद स्वाति मालीवाल से जुड़े मारपीट के कथित मामले में आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी है।
दिल्ली की एक अदालत से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को झटका लगा है। कोर्ट ने आप सांसद स्वाति मालीवाल से जुड़े मारपीट के कथित मामले में आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी है।
तीस हजारी कोर्ट ने स्वाति मालीवाल द्वारा दायर मामले में ट्रायल कोर्ट के संज्ञान के आदेश को चुनौती देने वाले बिभव कुमार के पुनरीक्षण को खारिज कर दिया। कोर्ट ने बिभव कुमार के एक अन्य पुनरीक्षण को भी खारिज कर दिया गया है, जिसमें आगे की कार्यवाही के लिए उनके मामले को सत्र न्यायालय को सौंपे जाने को चुनौती दी गई थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राज कुमार ने पिछले साल नवंबर में ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की पुनरीक्षण याचिका को भी खारिज कर दिया। इसमें अभियोजन पक्ष को उन चीजों की सूची प्रदान करने का निर्देश दिया गया था, जिन्हें जब्त कर लिया गया था, लेकिन राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में अभियोजन पक्ष ने उन पर भरोसा नहीं किया था।
न्यायाधीश ने कहा कि अभियुक्त के वकील की इस आशय की दलीलों को ध्यान में रखते हुए कि आरोप पत्र अभियुक्त के लिए पूरा है, मेरी राय है कि वर्तमान आपराधिक पुनरीक्षण याचिका में कोई योग्यता नहीं है। इसलिए इसे खारिज कर दिया गया है। अदालत स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
अदालत ने 29 जनवरी को पारित एक आदेश में अंतिम रिपोर्ट के संज्ञान के मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका पर दबाव नहीं डालने पर कुमार के वकील की दलीलों पर गौर किया। सबूतों पर विचार करते हुए अदालत ने मामले को सत्र अदालत में भेजे जाने के खिलाफ दूसरी याचिका को भी अयोग्य बताते हुए खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश में कोई कमजोरी, अवैधता या अनुचितता नहीं थी।
बिभव कुमार पर 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर आप सांसद मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट का आरोप है। फिलहाल वह जमानत पर हैं। उन्हें 2 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी।