2022 उपचुनाव: दुर्गेश पाठक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, HC की टिप्पणी को हटाया
सुप्रीम कोर्ट ने AAP के नेता दुर्गेश पाठक की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें साल 2022 के उपचुनाव में राजेंद्र नगर सीट से उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने की गुजारिश की गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता दुर्गेश पाठक की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें साल 2022 के उपचुनाव में दिल्ली की राजेंद्र नगर विधानसभा सीट से उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने की गुजारिश की गई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दुर्गेश पाठक की याचिका खारिज करते समय की गई दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी को हटा दिया।
दुर्गेश पाठक ने 2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए। राजन तिवारी नाम के शख्स ने दुर्गेश पाठक के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन उनके वकील ने कहा कि चुनाव याचिका अब निरर्थक हो गई है। इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की सर्वोच्च अदालत की पीठ ने हाईकोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणियों को हटा दिया।
इस याचिका में पाठक के चुनाव के खिलाफ राजन तिवारी की याचिका को चुनौती दी गई थी। दुर्गेश पाठक ने पिछले साल 8 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें अदालत ने राजन तिवारी की याचिका खारिज करने से इनकार कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में राजन तिवारी ने जून 2022 के उपचुनाव में राजेंद्र नगर से विधायक के रूप में पाठक के निर्वाचन को चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने दुर्गेश पाठक की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने की मांग की थी। राजन तिवारी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि वह भ्रष्ट आचरण में लिप्त हैं। दुर्गेश पाठक ने उपचुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 11,468 मतों के अंतर से हराया था। इस महीने की शुरुआत में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में दुर्गेश पाठक राजेंद्र नगर सीट पर भाजपा के उमंग बजाज से 1,231 मतों से हार गए थे।