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इंडिया गेट जाएंगे पहलवान? दंगा रोकने वाली गाड़ी लेकर पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात

बता दें कि सुरक्षा बल यहां दंगा रोकने वाली गाड़ी लेकर तैनात हैं। पुलिस द्वारा इंडिया गेट पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दिये जाने के बाद से पहलवानों की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 31 May 2023 05:36 AM
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बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े देश के शीर्ष पहलवानों ने कहा था कि उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वो इंडिया गेट के पास आमरण अनशन पर बैठेंगे। हालांकि, पुलिस ने पहलवानों को इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी है। इसके बाद से पहलवानों के आमरण अनशन पर बैठने की बात को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। इधर एहतियात के तौर पर इंडिया गेट इलाके में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। वहां रैपिड एक्शन फोर्स और दिल्ली पुलिस की तैनाती है। सुरक्षा बल यहां दंगा रोकने वाली गाड़ी लेकर तैनात हैं। पुलिस द्वारा इंडिया गेट पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दिये जाने के बाद से पहलवानों की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। माना जा रहा है कि पुलिस ने इसे देखते हुए किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए ही इंडिया गेट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम पहले से ही कर दिये हैं।

पहलवानों ने जब कुछ दिनों पहले जंतर-मंतर से नई संसद भवन की तरफ कूच किया था तब उस वक्त पुलिस ने कई पहलवानों को हिरासत में ले लिया था। इसके साथ ही पुलिस ने पहलवानों के इस कदम को कानून का उल्लंघन बताया था। इन पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद जंतर-मंतर के पास प्रदर्शन के लिए लगाए गए टेंट और तंबू समेत सभी अन्य सामानों को हटा दिया गया था। इसके बाद पहलवानों ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने और अपने मेडल को गंगा में बहाने की बात कही थी। पुलिस ने यह कहते हुए इंडिया गेट पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी थी कि इंडिया गेट एक राष्ट्रीय स्मारक है और यहां प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

इधर मंगलवार की शाम को देश के शीर्ष पहलवानों में शुमार विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत अन्य खिलाड़ी अपने मेडल को गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार स्थित हरकी पौड़ी पहुंचे थे।लेकिन बाद में कहा गया कि खाप और किसान नेताओं ने उन्हें पदक गंगा में नहीं बहाने के लिए राजी कर लिया और पहलवान गंगा में बिना अपने मेडल को बहाए वहां से वापस आ गए। हालांकि, इस दौरान अपनी मांगें पूरी करने के लिए सरकार और प्रशासन को 5 दिनों का समय भी दिया गया है। हरकी पौड़ी में कई पहलवानों के आने के बाद यहां काफी भीड़ जमा हो गई थी और पहलवान यहां रोते-बिलखते भी नजर आए थे।

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