कहां है हाथरस वाला भोले बाबा? तलाश में नोएडा आश्रम पहुंची पुलिस, भगदड़ में दादरी की दो महिलाओं की मौत
उत्तर प्रदेश के हाथरस से चर्चा में आए नारायण साकार विश्वहरि उर्फ भोले बाबा का नोएडा में भी आश्रम है। पुलिस उसकी तलाश में आश्रम पहुंची जहां कुछ सेवादार मिले। वहीं दादी कीदो महिलाओं की भगदड़ में मौत।
हाथरस हादसे से चर्चा में आए नारायण साकार विश्वहरि उर्फ भोले बाबा का नोएडा में भी आश्रम है। नया गांव के गली नंबर-6 स्थित आश्रम में कुछ सेवादार रहते हैं। फेज-2 पुलिस बुधवार को भोले बाबा की तलाश में आश्रम पहुंची। हालांकि, हाथरस हादसे के बाद आश्रम में सन्नाटा पसरा हुआ है। सूत्रों के अनुसार नया गांव में भोले बाबा का, जो आश्रम है, उसे दिल्ली के पूरनमल ने बनवाया था। वह बाबा का अनुयायी बताया जा रहा है।
लोगों का कहना है कि आश्रम बिकने वाला है। इसका सौदा गाजियाबाद निवासी व्यक्ति ने तीन करोड़ 65 लाख रुपये में किया है। आश्रम दो हिस्से में बना है। एक हिस्से में बने कमरे में कुछ किरायेदार रहते हैं, जबकि आश्रम वाले हिस्से में कुछ सेवादार रह रहे हैं। लोगों का आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण से नक्शा पास कराये बिना ही यह आश्रम बनाया गया। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी यह जांच करने में लगे हुए हैं कि आश्रम का निर्माण किस भूमि पर हुआ। भूमि कहीं अवैध रूप से तो नहीं कब्जाई गई है।
भगदड़ में दादरी की दो महिलाओं ने दम तोड़ा
हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद मची भगदड़ में दादरी की दो महिलाओं की भी मौत हुई। बुधवार को दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। हादसे में तीन महिलाएं घायल हुईं। मृत महिलाओं के परिजनों ने बताया कि सत्संग के लिए कस्बे से बस गई थी, जिसमें 50 से अधिक महिलाएं थीं। रेलवे रोड स्थित तुलसी विहार कॉलोनी की रहने वाली 70 वर्षीय प्रेमवती अपनी बेटी कमलेश के साथ भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने के लिए हाथरस गई थी। सत्संग खत्म होने के बाद हुई भगदड़ में प्रेमवती की मौत हो गई। हादसे में प्रेमवती की बेटी कमलेश घायल हो गई।
वहीं, गगन विहार कॉलोनी की रहने वाली 60 वर्षीय सुमित्रा की भी सत्संग के बाद भगदड़ में मृत्यु हो गई। गगन विहार की रहने वाली महिला अनीता और सुनीता घायल हैं। प्रेमवती के बेटे रमेश कुमार ने बताया कि मां प्रत्येक सत्संग में जाती थी। सत्संग महीने के पहले सोमवार को आयोजित होता था। राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी सत्संग आयोजित किया जाता था।