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मेट्रो भी तो बेसमेंट में चलती है; विकास दिव्यकीर्ति की क्या दलील

चुप्पी तोड़ते हुए अपना बयान जारी किया और फिर एएनआई को दिए इंटरव्यू में अपनी बातें रखीं। दिव्यकीर्ति ने देर से प्रतिक्रिया देने के लिए माफी मांगते हुए ऐलान किया कि कभी बेसमेंट में कोचिंग नहीं चलाएंगे।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 31 July 2024 07:50 AM
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दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन यूपीएससी स्टूडेंट्स की मौत हो गई। घटना को लेकर छात्रों में बेहद आक्रोश है और घटना पर चुप्पी साधने की वजह से निशाने पर दृष्टि कोचिंग के संचालक विकास दिव्यकीर्ति भी आ गए, जिन्हें सोशल मीडिया पर खूब पढ़ा और सुना जाता है। हालांकि, मंगलवार को उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अपना बयान जारी किया और फिर एएनआई को दिए इंटरव्यू में अपनी बातें रखीं। दिव्यकीर्ति ने देर से प्रतिक्रिया देने के लिए माफी मांगते हुए बताया कि किस तरह कोचिंग सेंटर्स को लेकर कानूनों में विसंगतियां हैं। 

घटना के बाद दिल्ली के कई कोचिंग सेंटर में बेसमेंट को सील कर दिया गया है, जिनमें दृष्टि भी शामिल है। एएनआई के साथ बातचीत में विकास दिव्यकीर्ति ने ऐलान किया कि वह कभी बेसमेंट में कोचिंग नहीं चलाएंगे। हालांकि, उन्होंने मेट्रो से मॉल तक को लेकर बेसमेंट में चल रही गतिविधियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, 'बेसमेंट को लेकर आजकल खूब नाराजगी है। ठीक है होनी चाहिए,हम सहमत हैं कि बेसमेंट सील हो जानी चाहिए। लेकिन दिल्ली की मेट्रो बेसमेंट, अंडरग्राउंड में चलती है। पालिका बाजार बेसमेंट में ही है। दिल्ली के लगभग हर मॉल में बेसमेंट में बड़े शॉपिंग कांप्लेक्स हैं, वहां लाखों लोग शॉपिंग करते हैं। क्योंकि वहां के बेसमेंट को ठीक तरीके से बनाया गया है।'

अपने कोचिंग को लेकर उन्होंने कहा, 'कॉमर्शियल मॉल की तरफ से हमें बार-बार हमें आश्वासन मिला कि बेसमेंट उसी तरीके से बनी है। उन्होंने कहा कि हमने डीडीए में अप्लाई किया है कि हमें कमर्शियल अफेयर्स का एनओसी मिले, लेकिन क्यों नहीं मिला, क्योंकि डीडीए का मानना है कि यह काम एमसीडी का है और एमसीडी का मानना है कि यह काम डीडीए का है। अब हाई कोर्ट में डीडीए ने कहा है कि हम एमसीडी को अधिकार दे रहे हैं। अब एमसीडी कल की सुनवाई के बाद या तो हमें परमिशन देती या फिर छोड़ने को कहती। बेसमेंट होने मात्र से चीजें ऐसी फैल जाती हैं, हमने उस बेसमेंट का पूरा ले आउट स्ट्रक्चर हमने एमसीडी, डीडीए और फायर सर्विस को दिया हुआ है। अभी तक रिजेग्शन नहीं आया है। उसमें सात फायर एग्जिट हैं, बड़े बड़े।'

विकास दिव्यकीर्ति ने यह भी कहा कि इस घटना के बाद उन्होंने तय किया है कि भविष्य में बेसमेंट में कोचिंग नहीं चलाएंगे। दिव्यकीर्ति ने कहा, 'पिछले तीन दिन में जो घटना घटी उसे देखने के बाद हमें अहसास हुआ कि यह केयरलेसनेस थी, यह बात कभी हमारे दिमाग में नहीं आई। मैं खुलकर कह रहा हूं कि भविष्य में कभी परमिशन मिल भी गई तो हम कभी बेसमेंट में कोचिंग नहीं चलाएंगे।'

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