दिल्ली में शहरीकरण के कारण तापमान में आ रहा अंतर, मोदी सरकार का राज्यसभा में जवाब
पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि शहरीकरण एक मुख्य कारण है जो दिल्ली में तापमान के पैटर्न में बदलाव को प्रभावित कर सकता है और गर्मी के द्वीपों का निर्माण कर सकता है।
केंद्र सरकार ने कहा कि शहरीकरण दिल्ली के तापमान पैटर्न को प्रभावित करने वाले मुख्य कारणों में से एक है। पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि शहरीकरण एक मुख्य कारण है जो दिल्ली में तापमान के पैटर्न में बदलाव को प्रभावित कर सकता है और गर्मी के द्वीपों का निर्माण कर सकता है।
जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान मॉनसून-पूर्व ऋतु में दिल्ली के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है, जबकि सापेक्ष आर्द्रता में ऐसी कोई वृद्धि नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के मॉनसून-पूर्व तापमान पैटर्न और इसके संभावित कारणों के संबंध में कई अध्ययन किए गए हैं। शहरीकरण मुख्य कारणों में से एक है, जो शहर के भीतर तापमान पैटर्न में परिवर्तन को प्रभावित कर सकता है और गर्म द्वीपों का निर्माण कर सकता है।
मंत्री ने कहा कि दो स्टेशनों के वार्षिक औसत न्यूनतम तापमान में अंतर से यह परिलक्षित होता है, जिनमें से एक (सफदरजंग शहर के भीतर है और दूसरा दिल्ली एनसीआर (पालम) में बाहरी क्षेत्र में है।
उन्होंने कहा कि मॉनसून पूर्व ऋतु 2022 के दौरान लंबे समय तक चलने वाली लू के कारणों में लंबी अवधि तक वर्षा का नहीं होना, पश्चिमी विक्षोभ का नहीं होना और उत्तरी अरब सागर तथा उससे सटे दक्षिण पाकिस्तान और गुजरात के ऊपर निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तरों में गर्म व शुष्क हवा का कम होना शामिल हैं।
एक अनुकूल उपाय के रूप में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने स्थानीय स्वास्थ्य विभागों के सहयोग से देश के कई हिस्सों में गर्मी की लहरों के बारे में चेतावनी देने और ऐसे अवसरों के दौरान कार्रवाई करने की सलाह देने के लिए 'हीट एक्शन प्लान' शुरू किया है।
सिंह ने कहा कि एनडीएमए और आईएमडी उच्च तापमान की संभावना वाले 23 राज्यों के साथ काम कर रहे हैं, जिससे हीट-वेव की स्थिति पैदा हो सकती है ताकि हीट एक्शन प्लान विकसित किया जा सके।