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नोएडा-दिल्ली सीमा पर 1500 किलो गोमांस के साथ 4 तस्करों को पकड़ा; यूपी पुलिस NSA लगाने पर कर रही विचार

यूपी गोहत्या (रोकथाम) अधिनियम, 2020 के तहत राज्य में गो वध पर प्रतिबंध है। इस कानून के अनुसार, गो वध के दोषियों को सात साल तक की जेल और तीन लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

Praveen Sharma नोएडा | पीटीआई, Mon, 13 June 2022 01:55 PM
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नोएडा पुलिस ने गोमांस की तस्करी (Beef Smuggling) करने के आरोप में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार लोगों को दिल्ली बॉर्डर से गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि नोएडा पुलिस इस मामले में आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने पर विचार कर रही है। 

अधिकारियों ने बताया कि तीन आरोपियों को रविवार देर रात नोएडा सेक्टर-62 चौराहे से एक पिकअप वैन के साथ पकड़ा। पुलिस ने जब पिकअप वैन की जांच की तो उसमें से करीब 1500 किलोग्राम गोमांस बरामद हुआ।

गाजियाबाद जिले के डासना के रहने वाले हैं आरोपी

नोएडा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने कहा कि तीन आरोपियों को रविवार रात पकड़ा गया, जबकि चौथे को सेक्टर 58 पुलिस थाने के अधिकारियों ने सोमवार सुबह मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिस पिकअप वैन को रोका था, उसमें बड़ी मात्रा में गोमांस भरा था। वैन में सवार तीन लोगों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी पहचान सज्जाद, रिजवान और सिराजुद्दीन के रूप में हुई है। ये सभी गाजियाबाद जिले के डासना के रहने वाले हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि शुरुआती जांच के दौरान आरोपियों ने बताया कि वह दिल्ली के गाजीपुर मार्केट में अवैध रूप से गायों का वध करने और गोमांस बेचने में संलिप्त हैं।

एनकाउंटर में गोली लगने से एक तस्कर घायल

रणविजय सिंह ने कहा कि उनका चौथा साथी जुनैद मौके से भागने में सफल रहा, जिसके बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया और उसे आज सुबह सेक्टर-62 में डी पार्क के पास रोक लिया गया। सिंह ने कहा कि पुलिस टीम से घिरे होने पर जुनैद ने एक बार फिर भागने की कोशिश में उन पर गोलियां चला दीं। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। 

 

उन्होंने कहा कि चारों आरोपी कुख्यात अपराधी हैं, जिनका आपराधिक इतिहास है और उनके खिलाफ गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर आदि जगहों पर एफआईआर दर्ज हैं। सिंह ने कहा कि पुलिस को दिल्ली में गोमांस की बिक्री और आपूर्ति में लगे इस अवैध पशु वध गिरोह से जुड़े कुछ और लोगों के बारे में भी पता चला है। उन्होंने कहा कि वे उनके बारे में और जानकारी जुटा रहे हैं और उचित कार्रवाई करेंगे। 

एनएसए लगाने पर किया जा रहा विचार

सिंह ने कहा कि जहां तक ​​इन चारों गिरफ्तारियों का सवाल है, पुलिस उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगी और यदि आवश्यक हुआ तो उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत भी आरोप लगाए जाएंगे। एक बार कड़े एनएसए कानून के तहत केस दर्ज किए जाने के बाद एक आरोपी को एक साल की अवधि के लिए जेल में रखा जा सकता है, जिसकी हर तीन महीने में हाईकोर्ट द्वारा समीक्षा की जा सकती है। 

पुलिस ने कहा कि उन्होंने मुठभेड़ के बाद जुनैद के पास से एक देशी पिस्तौल और कुछ गोला बारूद बरामद किया है और उसकी मोटरसाइकिल को जब्त कर लिया है। इस मामले में स्थानीय सेक्टर 58 पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की जा रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

गो वध के दोषियों को सात साल तक की जेल का प्रावधान

यूपी गोहत्या (रोकथाम) अधिनियम, 2020 के तहत राज्य में गो वध पर प्रतिबंध है। इस कानून के अनुसार, गो वध के दोषियों को सात साल तक की जेल और तीन लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में वर्तमान में पश्चिमी भाग सहित राज्य में सक्रिय 168 पशु माफियाओं की पहचान की हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है। 

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