अपोलो पर किडनी रैकेट का आरोप, अस्पताल ने खारिज किया विदेशी अखबार का स्टिंग
द टेलीग्राफ अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में शरीर के अंगों की खरीदारी गैरकानूनी है, मगर हमारे रिपोर्टर को म्यांमार के एक बिचौलिए ने बताया कि यहां पर यह बड़ा बिजनेस बन चुका है।
लंदन के अखबार 'द टेलीग्राफ' ने नई दिल्ली में किडनी रैकेट चलाए जाने का दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अपोलो अस्पताल किडनी की इस गैरकानूनी खरीद-फरोख्त में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया कि म्यांमार के गरीब लोगों से किडनी खरीदी जाती है और उसे अमीर मरीजों में ट्रांसप्लांट किया जाता है। हालांकि, अपोलो हॉस्पिटल की ओर से लंदन के न्यूजपेपर के इस दावे को पूरी तरह से गलत बताया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने द टेलीग्राफ की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को लेकर अपोलो अस्पताल के अधिकारियों से बातचीत की। अपोलो के प्रवक्ता ने कैश-फॉर-किडनी रैकेट में हॉस्पिटल की किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि टेलीग्राफ की रिपोर्ट एकदम गलत और भ्रामक है।
द टेलीग्राफ अखबार का कहना है कि भारत में शरीर के अंगों की खरीदारी गैरकानूनी है, मगर हमारे रिपोर्टर को म्यांमार के एक बिचौलिए ने बताया कि यहां पर यह बड़ा बिजनेस बन चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रक्रिया में फर्जी डॉक्यूमेंट्स और फैमिली फोटोग्राफ तैयार किए गए ताकि डोनर्स को मरीज का रिश्तेदार दिखाया जा सके। दरअसल, भारत में जो कानून है उसमें कहा गया है कि मरीज सामान्य परिस्थितियों में किसी अनजान व्यक्ति से कोई ऑर्गन नहीं ले सकता। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि इस तरह के गैरकानूनी ट्रांसप्लांट में मोटी कमाई हो रही है।
किडनी बेचने वाले ने खुद दी जानकारी, अखबार का दावा
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, द टेलीग्राफ अखबार ने दावा किया कि उसे इस कथित रैकेट की जानकारी खुद म्यांमार के शख्स ने दी। 58 वर्षीय इस मरीज ने बताया कि उसने सितंबर, 2022 में अपनी एक किडनी बेची थी जिसके बदले उसे 8 मिलियन क्यात (म्यांमार की करेंसी क्यात) मिला। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह ट्रांसप्लांटेशन दिल्ली के अस्पताल में हुआ था। इस मामले में किडनी डोनर इसे लेने वाले मरीज के लिए पूरी तरह से अनजान था।
अपोलो का इनकार, ऐक्शन भी लिया
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IMCL) के प्रवक्ता ने इसे मामले में सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'अस्पताल ट्रांसप्लांट प्रक्रिया को लेकर बने सारे कानूनी प्रावधानों का पालन करता है। सरकार की ओर से जो भी गाइडलाइन दी गई है उसे ध्यान रखा जाता है।' हालांकि, अस्पताल ने म्यांमार ऑपरेशन्स के अपने हेड को सस्पेंड कर दिया है। यह ऐक्शन अंडरकवर रिपोर्टर से कथित तौर पर बात करने और गैरकानूनी तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में बताने को लेकर लिया गया है।