दिल्ली के एलजी और केजरीवाल सरकार में फिर रार, अब 334 प्रधानाचार्यों की नियुक्ति पर हुई तकरार
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार के लगातार प्रयासों का ही नतीजा है कि यूपीएससी ने अब तक की सबसे कम अवधि में इतनी संख्या में प्रधानाचार्यों को नियुक्त किया है।
दिल्ली सरकार के स्कूलों में 334 प्रधानाचार्यों की नियुक्ति का श्रेय लेने को लेकर उपराज्यपाल (एलजी) और केजरीवाल सरकार में होड़ मच गई है। एलजी सचिवालय के सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के हस्तक्षेप के बाद खाली पदों को भरने की शुरुआत हो गई है। उधर, दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसे केजरीवाल सरकार के प्रयासों का नतीजा बताया।
एलजी सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि उपराज्यपाल के निर्देश पर मुख्य सचिव द्वारा इस मुद्दे को यूपीएससी के समक्ष लगातार उठाया जा रहा था। इसी प्रक्रिया के बाद यूपीएससी ने प्राचार्यों के 363 पदों में से 334 पर उम्मीदवारों का चयन कर लिया है। वहीं, बाकी 29 पद विभिन्न श्रेणियों में उपयुक्त अभ्यर्थी उपलब्ध न होने के चलते नहीं भरे जा सके।
दिल्ली सरकार के अधीन विद्यालयों में प्राचार्यों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 475 है, लेकिन इनमें से 424 विद्यालय बिना प्राचार्य के चल रहे हैं।
वहीं, शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा दिल्ली सरकार के प्रयासों से यूपीएससी द्वारा 334 प्रधानाचार्यों की नियुक्ति की गई, 334 में 100 दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षक हैं। गुरुवार को उन्होंने नए प्रधानाचार्यों के साथ दिल्ली सचिवालय में मुलाकात करके उन्हें बधाई दी।
आतिशी ने कहा कि एक बार फिर दिल्ली के शिक्षा मॉडल का परचम लहराया है। हमारे नवनियुक्त प्रधानाचार्यों के पास शिक्षा के क्षेत्र में लंबा अनुभव है। ये सभी इन स्कूलों की चुनौतियों और जरूरतों को बेहतर ढंग से समझते हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के लगातार प्रयासों का नतीजा है कि यूपीएससी ने अब तक की सबसे कम अवधि में इतनी संख्या में प्रधानाचार्यों को नियुक्त किया है।