डॉक्टर को टर्मिनेट करो, स्वास्थ्य विभाग का GTB अस्पताल के एमडी को निर्देश; क्या है एक्शन की वजह
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने जीटीबी अस्पताल को एक डॉक्टर की सेवाएं समाप्त करने को कहा है। इसकी वजह यौन उत्पीड़न के एक आरोपी की इलाज नहीं मिलने से मौत होना है। इसके अलावा कारण बताओ नोटिस भेजा है।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर को एक वरिष्ठ डॉक्टर की सेवाएं समाप्त (टर्मिनेट) करने का निर्देश दिया है। यह डॉक्टर अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में काम करता है। उनपर कार्रवाई की वजह यौन उत्पीड़न के एक आरोपी की इलाज न मिलने से हुई मौत है। कुछ दिनों पहले आरोपी को जब पुलिस गिरफ्तार करके वैन में बिठाकर थाने ला रही थी, तब उसने चलती गाड़ी से छलांग लगा दी थी। जिसकी वजह से उसे गंभीर चोटें आईं। चार अस्पतालों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जीटीबी अस्पताल की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अस्मिता एम. राठौड़ को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। जिसका उन्हें नोटिस मिलने के तीन दिनों के अंदर 'उनकी ओर से हुई चूक' की वजह बताने को कहा गया है। दो जनवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली से पुलिस ने यौन उत्पीड़न के एक आरोपी को पकड़ा था। 47 साल के आरोपी को पीसीआर वैन में पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था, अचानक उसने खिड़की खोली और कूद गया। उसे एक अस्पताल से दूसरे ले जाया गया लेकिन सुविधाओं की कमी का हवाला देते हुए चार अस्पतालों ने इलाज से मना कर दिया।
डीसीपी (पूर्वोत्तर) जॉय टिर्की ने कहा, 'सबसे पहले पुलिस उसे एबुलेंस में लेकर जग जीवन प्रकाश (जेपीसी) अस्पताल फिर जीटीबी अस्पताल पहुंची। जीटीबी में सीटी स्कैन उपलब्ध नहीं था इसलिए उसे एडमिट नहीं किया गया। इसके बाद पुलिस आरोपी को लेकर लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) गई, लेकिन वहां भी आईसीयू बेड की अनुपलब्धता के कारण उसे भर्ती नहीं किया जा सका।' आखिर में आरोपी को आरएमएल ले जाया गया, जहां कथित तौर पर अधिकारियों ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया। उसे सुबह 5.45 बजे वापस जेपीसी लाया गया, जहां डॉक्टर्स ने आरोपी को मृत घोषित कर दिया।