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नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता सिंह पर आरोप तय

डासना जेल में बंद नोएडा प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता सिंह पर शुक्रवार को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट द्वारा आरोप तय कर दिए गए। कुसुमलता पर पति की करोड़ों की काली कमाई को...

गाजियाबाद। कार्यालय संवाददाता Fri, 5 Oct 2018 07:37 PM
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डासना जेल में बंद नोएडा प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता सिंह पर शुक्रवार को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट द्वारा आरोप तय कर दिए गए। कुसुमलता पर पति की करोड़ों की काली कमाई को सफेद करने और अवैध संपत्ति अर्जित करने में भागीदार रहने का आरोप है। आरोप तय होने के बाद अब अन्य आरोपियों के साथ कुसुमलता की फाइल पर सुनवाई होगी।

शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत (प्रथम) में नोएडा टेंडर घोटाले एवं मुख्य आरोपी यादव सिंह के आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में तारीख थी। लेकिन तबियत खराब होने के कारण यादव सिंह अदालत में पेश नहीं किए गए। जेल से उनके बेटे सन्नी यादव को पेश किया गया। जमानत पर बाहर यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता सिंह, बहू श्रेष्ठा सिंह हाजिर हुईं। गवाही के लिए सरकारी गवाह मोहन लाल राठी हाजिर हुए। लेकिन शुक्रवार को राठी की गवाही नहीं हुई। 

विशेष अदालत में बीते माह सरेंडर करने वाली आरोपी कुसुमलता सिंह के आरोप पत्र पर बहस हुई। इसके बाद विशेष अदालत ने आय से अधिक मामले में आरोपी कुसुमलता सिंह पर आरोप तय कर दिए। सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह एवं उनके परिवार पर आय के अनुपात में 23 करोड़ 15 लाख रुपये कीमत की अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता सिंह पर भी इसमें संलिप्त रहने का गंभीर आरोप है।

यह है पूरा मामला 

सीबीआई ने एक अप्रैल 2004 से चार अगस्त 2015 तक की अवधि में नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों की सपंत्ति की जांच की थी। सीबीआई को इस जांच में 23 करोड़ 15 लाख 41 हजार 514 रुपये की अघोषित परिसंपत्तियों का पता चला था। आरोपपत्र के मुताबिक यादव सिंह के परिवार की आय के सभी ज्ञात स्रोतों के मुताबिक उक्त अवधि में चार करोड़ 51 लाख 64 हजार 232 रुपये की आय होनी चाहिए थी। लेकिन जांच में आय व संपत्ति ज्ञात स्रोतों से 512.66 फीसदी अधिक पाई गई। सीबीआई ने 30 जुलाई 2015 को नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर एवं उनके परिवार के सदस्यों व फर्मों के खिलाफ आय से अधिक करीब 23 करोड़ 15 लाख रुपये की संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया था। मुकदमे में यादव सिंह, उसकी पत्नी कुसुलता, बेटी गरिमा भूषण व करुणा सिंह, बेटे सन्नी, बहू श्रेष्ठा सिंह, चार्टर्ड अकाउंटेंट मोहन लाल राठी आरोपी हैं। इसमें उनके परिवार की तीन फर्म मैसर्स कुसुम गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स केएस अल्ट्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स हिचकी क्रिएशंस प्राइवेट लिमिटेड व पीजीपी चैरिटेबल ट्रस्ट भी आरोपी हैं।

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