HC से सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट फ्लैट मालिकों को राहत, नहीं कटेगा बिजली-पानी; DDA-LG को नोटिस
दिल्ली के मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट का बिजली-पानी काटने और लिफ्ट समेत अन्य सुविधाएं रोकने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इन सुविधाओं को रोकने की आखिरी तारीख 30 नवंबर थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट का बिजली-पानी काटने और लिफ्ट समेत अन्य सुविधाएं रोकने पर रोक लगा दी है। दरअसल, इस अपार्टमेंट को तोड़कर दोबारा बनाया जाना है, इसलिए डीडीए ने इन सुविधाओं को समाप्त करने की तारीख 30 नवंबर तय की थी। न्यायमूर्ति चन्द्रधारी सिंह की पीठ ने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के फ्लैट मालिकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
फ्लैट मालिकों की तरफ से अधिवक्ता संजीव सिंह ने संबंधित अपार्टमेंट में नए फ्लैटों के निर्माण को लेकर कुछ मांगे रखी हैं। पीठ ने इन मांगों को लेकर केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय, दिल्ली विकास प्राधिकरण और उपराज्यपाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
अपार्टमेंट ध्वस्त किया जाएगा
डीडीए ने वर्ष 2010 में मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में 336 एचआईजी और एमआईजी फ्लैट का आवंटन किया था। जून 2012 में इन फ्लैटों पर आवेदकों को कब्जा मिला, लेकिन जल्द ही अधिकांश फ्लैटों की छत से प्लास्टर झड़ने लगा और दीवारों में दरारें आ गईं। इसकी शिकायत मिलने पर डीडीए ने वर्ष 2015-16 में फ्लैटों की मरम्मत कराई। मगर इन फ्लैटों में जगह-जगह दरारें आने पर आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर शशांक बिश्नोई और सीमेंट कंपनी ने इस अपार्टमेंट की जांच की। जांच में इन फ्लैटों में इस्तेमाल निर्माण सामग्री घटिया पाई गई। इसके बाद सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को ध्वस्त कर दोबारा बनाने का निर्णय लिया गया।
168 अतिरिक्त फ्लैट बनेंगे
सुनवाई के दौरान डीडीए ने अदालत में कहा कि वह इस सोसाइटी में खाली पड़ी जमीन पर 168 अतिरिक्त फ्लैट बनाएगा, ताकि दोबारा फ्लैट बनाकर देने के खर्च की पूर्ति की जा सके।
फ्लैट मालिकों की मांगें
● मास्टर प्लान 2021 के तहत नए बनने वाले फ्लैटों की जगह और सुविधाएं तय की जाएं
● सोसाइटी में पहले की तरह 336 फ्लैट ही बनाए जाएं। 168 अतिरिक्त फ्लैट बनाने की मंजूरी न दी जाए
● फ्लैटों की आतंरिक सज्जा के लिए एकमुश्त मुआवजा प्रत्येक फ्लैट मालिक को दिया जाए
● फ्लैट मालिकों के लिए डीडीए द्वारा तय किराये को बढ़ाया जाए। इतनी कम कीमत में किराये पर मकान नहीं मिल रहा
● नामी कंपनी को फ्लैटों के निर्माण का ठेका दिया जाए। निगरानी के लिए आईआईटी दिल्ली के सलाहकार नियुक्त किए जाए।