महीने में केवल दो बार हो सुनवाई, श्रद्धा वाकर हत्याकांड के आरोपी ने क्यों लगाई गुहार?
पूनावाला ने कथित तौर पर वालकर के शरीर के टुकड़े किए, उसे फ्रिज में रखा और पकड़े जाने से बचने के लिए कई दिनों तक शहर भर में सुनसान जगहों पर टुकड़ों को ठिकाने लगाया। बाद में शव के अंग खोजे गए।
श्रद्धा वाकर की हत्या के आरोपी आफताब पूनावाला ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि उसके मामले की सुनवाई महीने में केवल दो बार की जानी चाहिए। हालांकि दिल्ली की अदालत ने इस महीने की शुरुआत में ही पूनावाला की इस याचिका को खारिज कर दिया। आफताब पूनावाला पर 2022 में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की हत्या करने और उसे शव को कई टुकड़ों में काटने का आरोप है। उसने अदालत ने इस मामले में सुनवाई को हर महीने दो बार तक सीमित करने की मांग की थी। पूनावाला के वकील ने कहा कि वे उचित डिफेंस तैयार करने के लिए समय मांग रहे हैं। फिलहाल श्रद्धा वाकर हत्याकांड में गवाहों की जांच चल रही है।
अदालत ने कहा कि यह अनुरोध ‘‘केवल मुकदमे को लंबा खींचने का एक साधन मात्र है।’’ अदालत ने अंतिम संस्कार के लिए वालकर की अस्थियां तुरंत जारी करने से भी इनकार कर दिया। आरोपी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली वालकर की कथित तौर पर 18 मई, 2022 को पूनावाला ने गला घोंटकर हत्या कर दी थी। पिछले साल जनवरी में दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल 6,629 पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार, पूनावाला ने कथित तौर पर वालकर के शरीर के टुकड़े किए, उसे फ्रिज में रखा और पकड़े जाने से बचने के लिए कई दिनों तक शहर भर में सुनसान जगहों पर टुकड़ों को ठिकाने लगाया। बाद में शव के अंग खोजे गए।
इस महीने की शुरुआत में दिए गए एक आदेश में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ ने कहा कि अभियोजन पक्ष के 212 गवाहों में से 134 की गवाही हो चुकी है और कई बाहरी गवाहों की गवाही के लिए लगातार सुनवाई आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अभियुक्त का यह अनुरोध कि अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही के लिए एक महीने में सुनवाई की केवल दो तारीखें तय की जाएं, मुकदमे को लंबा खींचने का एक साधन प्रतीत होता है क्योंकि अभियोजन पक्ष के गवाहों की संख्या अत्यधिक है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों, विशेष रूप से पुलिस के गवाहों की लंबी गवाही दर्ज करने के लिए काफी समय की आवश्यकता है।