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शाहदरा में रबड़ की फैक्टरी में लगी आग, उजाड़े हंसते-खेलते दो परिवार; बच्ची सहित चार की मौत 

शाहदरा में एक मकान के नीचे बनी रबड़ की फैक्टरी में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और इसने हंसते-खेलते दो परिवार उजाड़ दिए। आग लगने पर सभी ने भागने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 27 Jan 2024 06:58 AM
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शाहदरा के रामनगर में शुक्रवार को चार मंजिला इमारत में लगी आग ने दो परिवार उजाड़ दिए। शुरुआत जांच में पता चला है कि मकान के नीचे रबड़ का सामान बनाने की फैक्टरी है। उसी में लगी आग में चार लोगों की जान चली गई। हादसे में मारे गए चार लोगों में मां-बेटे प्रथम सोनी व गौरी सोनी, वहीं, दूसरे परिवार की नौ माह की बेटी व उसकी मां शामिल हैं। दोनों परिवारों में केवल उनके पति ही सही सलामत बचे हैं क्योंकि वे काम पर बाहर गए हुए थे। 

प्रथम की बहन राधिका व मकान मालिक भारत सिंह की पत्नी प्रभावती बुरी तरह घायल हैं। प्रथम सोनी के चाचा योगेश कुमार ने बताया कि मकान के भूतल पर वाइपर व रबड़ का सामान बनाने की फैक्टरी चलती है। यहां किसी श्रमिक ने धूम्रपान के बाद जलती बीड़ी फेंक दी। उसके कारण लगी आग ने प्लास्टिक के सामान को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। इसकी चपेट में आने से प्रथम सोनी व उसकी मां गौरी सोनी की मौत हो गई। 

वहीं, बहन राधिका बुरी तरह से घायल हो गईं। इनका परिवार इमारत के तीसरे तल पर रहता है। मकान मालिक भारत सिंह का परिवार भूतल व प्रथम तल पर रहता है। उनकी पत्नी 70 वर्षीय प्रभावती भी आग की चपेट में आने से घायल हो गई हैं। इसके अलावा नौ माह की बच्ची रूही का परिवार दूसरे तल पर रहता है। रूही व उनकी मां रचना की भी दम घुटने व जलने से अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं, चौथे तल पर रहने वाला परिवार कहीं बाहर गया हुआ था।

घर लौटे तो पता चला परिवार खत्म हो गया 

इमारत में रहने वाले गौरी के पति आशुतोष अपने काम के चलते घर से बाहर गए थे। लेकिन जब वह घर पर लौटे उनका पूरा परिवार ही खत्म हो चुका था। उनके भाई ने बताया कि प्रथम और उसकी मां गौरी की मौत हो चुकी है। जबकि बहन राधिका अस्पताल में भर्ती है। राधिका के सिर और पैर में गंभीर चोटें आई है। उसका उपचार चल रहा है। इमारत के दूसरे फ्लोर पर रहने वाली रचना और उनकी बेटी रूही की भी हादसे में मौत हो गई है। उनके पति भी बाहर गए थे।

तंग सीढ़ियों-धुएं में फंसे

इमारत के भूतल पर लगी आग प्लास्टिक के सामान के कारण तेजी से फैली। इसके चलते सभी लोगों ने बचने के लिए छत की ओर भागने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी सफल नहीं हो सका। सभी लोग अपने घरों के बाहर रास्ते में दम घुटने के कारण बेसुध होकर गिर गए। दमकल कर्मचारियों को सभी घायल अपने घरों से बाहर सीढ़ियों के पास मिले हैं। दमकल अधिकारी का कहना है कि अगर इमारत में सीढ़ियां थोड़ी चौड़ी होती तो शायद लोगों की जान बच जाती।

रास्ते में ही दम तोड़ा

दमकल अधिकारी ने बताया कि जब वह पहुंचे तो पूरी इमारत में धुआं फैल चुका था। उन्होंने सीढ़ियों के सहारे इमारत में प्रवेश किया। उन्होंने देखा कि आग लगने के बाद इमारत में रहने वाले लोगों ने बचाव के लिए छत की ओर भागने का प्रयास किया था। लेकिन धुआं फैलने के चलते लोगों का दम घुटने लगा और सभी पीड़ित सीढ़ियों तक पहुंचे और बेसुध हो कर वहीं गिर गए। जब तक उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया था। उन्होंने अस्पताल पहुंचते ही दम तोड़ दिया।

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