Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Rohini Court Shootout: Tillu and Gogi were best friends later became enemies of life know the inside story of the sensational incident

रोहिणी कोर्ट शूटआउटः कभी जिगरी दोस्त थे टिल्लू और गोगी, बाद में हो गए जान के दुश्मन, जानिये सनसनीखेज वारदात की इनसाइड स्टोरी

रोहिणी कोर्ट परिसर में शुक्रवार को हुए शूटआउट में जितेंद्र गोगी को मारने के बाद पुलिस ने दो बदमाशों को मार गिराया। दोनों बदमाश सुनील उर्फ टिल्लू गैंग के राहुल और मोरिष थे। भले ही आज गोगी को मारने के...

Yogesh Yadav नई दिल्ली राजन शर्मा, Fri, 24 Sep 2021 06:52 PM
share Share

रोहिणी कोर्ट परिसर में शुक्रवार को हुए शूटआउट में जितेंद्र गोगी को मारने के बाद पुलिस ने दो बदमाशों को मार गिराया। दोनों बदमाश सुनील उर्फ टिल्लू गैंग के राहुल और मोरिष थे। भले ही आज गोगी को मारने के लिए टिल्लू ने बदमाशों को भेजा था लेकिन कभी दोनों जिगरी दोस्त थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी के इलेक्शन ने टिल्लू और गोगी को एक दूसरे का दुश्मन बना दिया। इसके बाद दोनों ने एक दूसरे के कई साथियों को मौत के घाट उतार दिया। मार्च 2020 से गोगी और टिल्लू तिहाड़ जेल में थे। दोनों की आपसी दुश्मनी को देखते हुए अलग अलग रखा गया था।

आठ साल पहले शुरू हुई दुश्मनी

बाहरी दिल्ली के ताजपुर गांव का रहने वाला सुनील मान ताजपुरिया उर्फ टिल्लू और नज़दीकी गांव अलीपुर का रहने वाला जितेंद्र गोगी साल 2103 के पहले तक गहरे दोस्त हुआ करते थे। दोनों का अपने-अपने इलाके में वर्चस्व हुआ करता था। 2013 के दिल्ली यूनिवर्सिटी इलेक्शन ने दोनों के रिश्तो में दरार डाल दी थी। श्रद्धानंद कॉलेज में पढ़ाई के दौरान गोगी कॉलेज के कुछ नेताओं के संपर्क में आया और कॉलेज के चुनाव में हिस्सा लिया। चुनाव के दौरान गोगी की दूसरे पैनल के प्रत्याशियों से लड़ाई हो गई। उन प्रत्याशियों को टिल्लू गैंग सपोर्ट कर रहा था। गोगी ने अपने साथियों रवि भारद्वाज उर्फ बंटी, अरुण उर्फ कमांडो, दीपक उर्फ मोनू, कुणाल मान और सुनील मान के साथ संदीप और रविंदर पर गोलियां चलाईं। ये दोनों टिल्लू तजपुरिया के करीबी थे। बस यहीं से टिल्लू और गोगी की दुश्मनी शुरू हो गयी। 

छात्रसंघ की दुश्मनी ने कराई दो हत्याएं

सूत्रों के अनुसार अरुण उर्फ ​​कमांडो भी श्रद्धानंद कॉलेज में पढ़ता था और छात्रसंघ के चुनाव के दौरान अलीपुर के एक छात्र का समर्थन कर रहा था। उस प्रत्याशी का समर्थन ​​गोगी भी कर रहा था। क्योंकि गोगी उसी गांव का रहने वाला था। दूसरी ओर टिल्लू का चचेरा भाई सुनील उम्मीदवार था। ​​टिल्लू के गुट के सदस्यों ने किन्हीं कारणों से इलेक्शन के दौरान गोगी के प्रत्याशी ​​कमांडो को पीट दिया। इसके बाद ​​गोगी गुट के प्रत्याशी ने चुनाव से नाम वापस ले लिया। इससे ​​टिल्लू का प्रत्याशी चुनाव जीत गया। लेकिन इस घटना ने दोनों के बीच रंजिश को जन्म दे दिया। इसके बाद गोगी गैंग ने टिल्लू गैंग के संदीप और रविन्द्र की हत्या कर दी।

रिश्ते की बहन से अफेयर ने बढ़ाई दुश्मनी

इस दुश्मनी की एक और भी वजह थी। सूत्रों के मुताबिक टिल्लू का बेहद करीबी दीपक का गोगी की रिश्ते की बहन के साथ अफेयर चल रहा था। दोनों चोरी छिपे मिलते थे। कुछ समय बाद दीपक ने खुद को जितेंद्र गोगी का जीजा बोलना शुरू कर दिया था। वह खुद को पूरे अलीपुर गांव का दामाद बोलता था। इस बात से भी जितेंद्र गोगी काफी गुस्से में था और एक दिन मौका पाकर उसने महिंद्रा पार्क इलाके में दीपक का मर्डर कर दिया। इस मामले में बाद में चार लोगों योगेश उर्फ ​​टुंडा, कुलदीप उर्फ ​​फज्जा, दिनेश और रोहित को गिरफ्तार किया गया। बाद में जरनैल उर्फ ​​जेल और ​​गोगी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन जुलाई 2016 में गोगी फरार हो गया।

एक दूसरे के गैंग के सदस्यों को मारते रहे

दीपक उर्फ ​​राजू की हत्या का बदला लेने के लिए ​​टिल्लू के गिरोह के सदस्यों ने गोगी के सहयोगी अरूण उर्फ ​​कमांडो की हत्या को अलीपुर में ही अंजाम दिया। उस मामले में सोनू उर्फ ​​दबंग और सुनील उर्फ टिल्लू गिरफ्तार कर जेल भेजे गए। अरुण उर्फ ​​कमांडो की हत्या में निरंजन उर्फ ​​मास्टर ने अदालत में पैरवी  की। वह इस मामले के गवाहों में से एक था। ​​टिल्लू ने निरंजन उर्फ ​​मास्टर पर इस मामले से दूर रहने का दबाव बनाया लेकिन नहीं मानने पर उसकी हत्या कर दी।

एक दूसरे का सफाया हो गया था मकसद

​​गोगी और टिल्लू दोनों अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए एक दूसरे का सफाया करना चाहते थे। 30 जुलाई 2016 को न्यायिक हिरासत से भाग निकला। उस पर 2 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। ​​गोगी ने दुश्मन गैंग से बदला लेने के मौके तलाशने लगा। फरवरी 2017 में टिल्लू के सहयोगी अलीपुर के देवेंद्र उर्फ ​​प्रधान की हत्या कर दी। इसके बाद अन्य लोगों के खात्मे की तलाश में था। पिछले साल मार्च 2020 में अप्रत्याशित घटनाक्रम में गोगी को पकड़ा गया।

अगला लेखऐप पर पढ़ें