Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Process of surrendering prisoners starts in Delhi jails 14 special courts instructions for setting up 14 special courts

दिल्ली की जेलों में कैदियों के सरेंडर करने का सिलसिला शुरू, 14 विशेष अदालतें लगाने के निर्देश

एक साल लम्बे अंतराल के बाद अब दिल्ली में कोविड-19 को लेकर हालात सामान्य होने लगे हैं। हालांकि अब भी सावधानी के साथ कामकाज शुरू किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर दिल्ली में 15 मार्च से नियमित...

Praveen Sharma नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता, Thu, 11 March 2021 02:59 PM
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एक साल लम्बे अंतराल के बाद अब दिल्ली में कोविड-19 को लेकर हालात सामान्य होने लगे हैं। हालांकि अब भी सावधानी के साथ कामकाज शुरू किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर दिल्ली में 15 मार्च से नियमित अदालतें शुरू करने का निर्णय किया गया है। साथ ही जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए कैदियों को सरेंडर करने का निर्देश दिया गया है। इन कैदियों के पुन: जेलों में सरेंडर करने के लिए जेलों में 14 विशेष अदालतें लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

इस आदेश में 14 न्यायाधीशों को तिहाड़, मंडोली व रोहिणी जेल में अस्थाई जेल पुलिस हाउसिंग योजना शुुरू की गई। इस योजना के तहत न्यायिक अधिकारी अंतरिम जमाानत पर बाहर कैदियों को सरेंडर करने के साथ ही उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के निर्देश देंगे। इससे कैदियों को अदालतों में सरेंडर करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके पीछे मकसद यह है कि कोरोना के मद्देनजर सावधानी भी बरती जा सके। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का पालन करते हुए अलग-अलग समय पर कैदियों को अलग-अलग जगह पर सरेंडर कराकर जेल भेजा जा सके।

दरअसल, इस समय चार हजार से ज्यादा विचाराधीन कैदी काफी समय से अंतरिम जमानत पर बाहर हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि आगामी सोमवार से अदालतों में नियमित कामकाज शुरू किया जा रहा है, इसलिए कैदियों की वापसी भी सुनिश्चित की जाए, ताकि सभी मामलों पर पहले की तरह सुनवाई प्रक्रिया शुरू हो सके।

इसके साथ ही हाईकोर्ट द्वारा कहा गया है कि अब किसी भी कैदी की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाई नहीं जाएगी। इससे पहले समय-समय पर कोविड-19 के तहत यह अवधि बढ़ाई जाती रही है। बहुत सारे कैदी तो आठ से दस महीने तक अंतरिम जमानत पर बाहर रहे हैं, क्योंकि जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया था। सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के मद्देनजर बहुत सारे कैदियों को अंतरिम जमानत दी गई थी।

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