दिल्ली में 102 रूटों पर दूर होगी बसों की दिक्कत, कैलाश गहलोत ने परिवहन विभाग को दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम बस रूट्स में बदलाव के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित बस रूट्स को चिन्हित कर रहे हैं। जहां से शिकायतें आई हैं उनका भी आकलन कर रहे हैं।
दिल्ली में बस रूट्स में किए गए बदलावों से हो रही परेशानी को दूर करने की कवायद शुरू हो गई है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने ऐसे बस रूट्स को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया है, जहां पर बसों की कमी है या समय सारिणी पर असर हुआ है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। परिवहन विभाग की यह कवायद परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के साथ बैठक के बाद शुरू हुई है, जिसमें उन्होंने 48 घंटे के अंदर बस रूट्स में बदलाव को ठीक करने का अल्टीमेटम दिया है।
दरअसल, दिल्ली में कुल 606 रूट्स पर डीटीसी व क्लस्टर स्कीम के तहत बसें चलती है। जून के पहले सप्ताह में बसों की डेड किलोमीटर को खत्म करने के लिए इनके रूट्स में बदलाव किया गया। बदलाव के तहत कुल 102 रूट्स पर बदलाव किया गया, मसलन डीटीसी के 51 रूट्स पर क्लस्टर की बसें, जबकि क्लस्टर के 51 रूट्स पर डीटीसी की बसें चलाई जाने लगीं। इसके अलावा 138 रूट्स पर दोनों डीटीसी व क्लस्टर बसें चलाई गई हैं बाकी रूट्स को डीटीसी व क्लस्टर को बांट दिया गया।
अचानक से लागू किए बस रूट्स के बदलाव का असर राजधानी में दिखने लगे। रोजाना बस में सफर करने वाले लाखों यात्रियों की परेशानी शुरू हो गई। इसका नतीजा यह हुआ कि कई बस के रूट में बदलाव हो गया, जबकि कई रूट्स पर बसें बहुत कम या बहुत से खत्म हो गई। लोगों की शिकायत मानें तो कुछ रूट्स पर तो बसें लगभग खत्म हो गईं। इससे बस से ऑफिस आने-जाने वालों को शिकायतें शुरू हुईं। शिकायतों की जानकारी मिलते ही परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने खुद इस पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी।
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो बस रूट्स में बदलाव से दिक्कत बढ़ी है, लेकिन उसे धीरे-धीरे ठीक किया जा रहा है। उधर, परिवहन मंत्री के कार्यालय में शिकायतों का सिलसिला रुक नहीं रहा, जिसके बाद परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने खुद इस पर एक बैठक की है। जिसमें अधिकारयों को अगले 48 घंटे में बस रूट्स की शिकायतों को खत्म करने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा है कि अगले सप्ताह से उनके पास बसों के रूट्स में बदलाव पर शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए।
कम बस वाले रूट्स की पहचान कर रहा परिवहन विभाग
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम बस रूट्स में बदलाव के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित बस रूट्स को चिन्हित कर रहे हैं। जहां से शिकायतें आई हैं उनका भी आकलन कर रहे हैं। जहां बसों की संख्या कम होगी, वहां बढ़ाई जाएगी। अगर कही जरूरत से ज्यादा बसें है तो वहां घटाई भी जाएगी। अगले कुछ दिनों में बस रूट्स को लेकर सभी समस्या खत्म हो जाएगी। यह आकलन यात्रियों की संख्या व बसों की मांग के आधार पर तय होगा।
24881 डेड किलोमीटर होगा खत्म
परिवहन विभाग का दावा है कि नई व्यवस्था से दिल्ली में बसों के डेड किलोमीटर सिर्फ सिंगल डायरेक्शन में ही 24 हजार 881 डेड किलोमीटर खत्म किया जा सकता है, इसलिए डेड किलोमीटर को खत्म करने के लिए डीटीसी के रूट पर क्लस्टर और क्लस्टर के रूट डीटीसी बसों की तैनाती की गई है। हालांकि, इससे जिन रूट पर असर पड़ा है उन्हें ठीक किया जा रहा है।
यहां से मिल रही अधिक शिकायतें
रूट नंबर 910 : यात्रियों के मुताबिक इस रूट पर बसों की संख्या कम हो गई है। कई स्टॉप पर इस रूट की बस नहीं आ रही है। रूट नंबर 910 नांगलोई से चलता है जो कि दिल्ली सचिवालय तक आता है। इसपर कुल 44 बस स्टॉफ है। बुधवार को इस रूट को लेकर परिवहन विभाग को एक शिकायत मिली है। अधिकारियों का कहना है कि इस रूट को लेकर पहले भी शिकायतें मिली थी, उस पर शुक्रवार से बसों की संख्या बढ़ा दी जाएगी।
रूट नंबर 396 : नई सीमापुरी से चलकर निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन तक जाने वाले बस रूट नंबर 396 पर बसें लगभग खत्म हो गई हैं। पहले इस पर सुबह पौने आठ बसें से बसें चलनी शुरू हो जाती थीं क्योंकि यह बस रूट कई सरकारी दफ्तरों को कवर करता है तो कई सरकारी कर्मचारी अपने ऑफिस के लिए इसका इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब दिल्ली सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारी ही इसे लेकर परिवहन मंत्री कार्यालय व विभाग में अपनी शिकायत कर्ज करा चुके हैं कि इस रूट पर बसें खत्म कर दी गई हैं।
बस रूट नंबर 158 : ग्रामीण इलाके का यह बस रूट पहले घोगा गांव से शुरू होकर सनौठ, मेट्रो विहार फेज वन और टू, होलंबी खुर्द, होलंबी कलां होते हुए नंगली के रास्ते बाईपास और आजादपुर तक जाता है। बसें यहां कई छोटी सड़कों से होकर गुजरती थीं, लेकिन नई व्यवस्था में यहां से क्लस्टर स्कीम के तहत बसें बंद कर दी गई हैं। अब नेताजी सुभाष प्लेस डिपो से डीटीसी बसों का रूट लगाया गया है।