PGT टीचर उम्र सीमा घटाने का मामला, कैट ने दिल्ली सरकार और एलजी से किया जवाब तलब
1975 में सरकार ने पीजीटी के लिए दिल्ली में अधिकतम उम्र सीमा 36 साल तय की थी, लेकिन सितंबर 2022 में दिल्ली सरकार ने नियुक्ति नियमों में बदलाव कर अधिकतम उम्र सीमा को कम करके 30 साल कर दिया।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्नातकोत्तर शिक्षक (पीजीटी टीचर) बनने की अधिकतम उम्र सीमा घटाए जाने पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से जवाब मांगा है। कैट के सदस्य आनंद माथुर और मनीष गर्ग की बेंच ने दिल्ली सरकार की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को भी नोटिस दिया गया है।
अनुराग कुमार सहित 30 छात्रों की ओर से दिल्ली सरकार की अधिसूचना के खिलाफ कैट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील अनुज अग्रवाल ने कहा कि पीजीटी बनने की अधिकतम उम्रसीमा घटाए जाने से लाखों छात्र शिक्षक भर्ती में आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे।
याचिका में कहा गया है कि 1975 में सरकार ने पीजीटी के लिए दिल्ली में अधिकतम उम्र सीमा 36 साल तय की थी, लेकिन सितंबर 2022 में दिल्ली सरकार ने नियुक्ति नियमों में बदलाव कर अधिकतम उम्र सीमा को कम करके 30 साल कर दिया। वकील अनुज अग्रवाल ने बेंच को बताया कि पीजीटी बनने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट के साथ बीएड होना अनिवार्य है, ऐसे में यह योग्यता प्राप्त करने में एक छात्र 25 वर्ष की आयु पार कर लेता है।
दूसरे राज्यों का उदाहरण दिया
कैट को बताया गया कि दूसरे राज्यों में इस पद के लिए उम्रसीमा 35 से 45 साल तक है। उत्तर प्रदेश में तो पीजीटी बनने के लिए कोई अधिकतम उम्रसीमा है ही नहीं। हिमाचल प्रदेश में पीजीटी के लिए अधिकतम उम्रसीमा 45, तेलांगना 44, असम 43, उत्तरांड 42, राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश में अधिकतम उम्रसीमा 40 है, जबकि केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति के लिए 35 साल उम्र तय है।