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गाजियाबाद में रहने वाले हो जाएं सावधान! GDA बनाएगी ऐसी हाउसिंग सोसाइटियों और कॉलोनियों की लिस्ट

हाउसिंग सोसाइटियों और कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए जरूरी खबर है। गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लेने वाली ग्रुप हाउसिंग और कॉलोनियों की सूची तैयार करने जा रहा है।

Praveen Sharma गाजियाबाद। हिन्दुस्तान, Thu, 28 March 2024 02:07 PM
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हाउसिंग सोसाइटियों और कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए जरूरी खबर है। गाजियाबाद में कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लेने वाली ग्रुप हाउसिंग और कॉलोनियों की सूची तैयार होगी। क्षेत्र के जोनल प्रभारी वहां की सुविधाएं परखते हुए निजी विकासकर्ताओं से कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कराएंगे। सब कुछ नियमानुसार मिलने पर ही इन्हें सर्टिफिकेट जारी किया जा सकेगा।

वर्ष 2010 से अभी तक 245 ग्रुप हाउसिंग से अधिक के नक्शे स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 55 फीसदी ऐसे बिल्डर हैं, जिन्होंने टेम्परेरी कंप्लीशन सर्टिफिकेट तो लिया है, लेकिन अभी तक ग्रुप हाउसिंग का कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लिया। साथ ही इन्होंने अपनी सोसाइटियों में काम भी पूरा नहीं कराया है, जबकि आवंटियों को फ्लैट का कब्जा दे दिया है। ऐसे में आवंटी भी फ्लैट में रह रहे हैं।

मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने के कारण आवंटी लगातार बिल्डर का विरोध करते रहते हैं। अब जीडीए ऐसे बिल्डरों पर दबाव बनाकर उनके अधूरे काम पूरे कराएगा। इसके साथ ही उन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिलाने की प्रक्रिया शुरू कराएगा। इसके लिए अभियान भी चलाया जाएगा, ताकि इन बिल्डरों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिलाने के साथ ही वहां रहने वालों को मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया कराई जा सकें। साथ ही इन ग्रुप हाउसिंग में एओए और फिर फेडरेशन का गठन किया जा सके।

इस क्षेत्रों में बनी है सोसाइटी

गाजियाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में सोसाइटियां और ग्रुप हाउसिंग बनी है। इसमें मुख्य रुप में राजनगर एक्सटेंशन, क्रॉसिंग रिपब्लिक, एनएच 9, दिल्ली मेरठ रोड, गोविंदपुरम, चिरंजीव विहार, अवंतिका, वसुंधरा, इंदिरापुरम, कौशांबी, राजेंद्रनगर, शालीमार गार्डन, नेहरू नगर आदि क्षेत्र शामिल हैं।

कई सोसाइटियों को दे चुके नोटिस

क्रॉसिंग रिपब्लिक में 29 सोसाइटी में करीब 15 हजार फ्लैट हैं, जिनमें 70 हजार आबादी रहती है, जबकि राजनगर एक्सटेंशन, इंदिरापुरम, वसुंधरा, वेव सिटी समेत अन्य स्थानों पर 250 से अधिक ग्रुप हाउसिंग है। जीडीए अधिकारी बताते हैं कि इन सोसाइटियोंं में से 55 फीसदी सोसाइटी ऐसी हैं, जिन्होंने प्राधिकरण से कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लिया है। इन्हें नोटिस भी दिया जाएगा।

एओए बनने से नहीं होंगे विवाद

शहर में बिल्डरों ने सोसाइटियां बना दी हैं, लेकिन जीडीए से कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लिया है। ऐसे में सोसाइटी की देखभाल बिल्डर खुद करता है और वहां रहने वालों से मेनटेनेंस शुल्क लेता है। ज्यादातर फ्लैट बिल्डर के रखरखाव से खुश नहीं होते हैं। इस कारण बिल्डर और फ्लैट खरीदारों के बीच विवाद होता है। बिल्डर के कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने के बाद सोसाइटी एओए को हैंडओवर हो जाती है। इसके बाद एओए ही सोसाइटी की देखभाल करता है। ऐसे में बिल्डर की कोई जिम्मेदारी नहीं रहती और विवाद भी खत्म हो जाता है।

-आरके सिंह, सचिव, जीडीए, ''निजी विकासकर्ता द्वारा तैयार ग्रुप हाउसिंग और कॉलोनियों की सूची तैयार होगी। फिर जिन्होंने कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लिया है, उनके यहां सुविधाओं को देखने के बाद आवेदन कराकर सीसी जारी कराया जाएगा।'' 

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