दिल्ली मेट्रो फेज-4 में आरामदायक होगा सफर, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से कर सकेंगे ट्रैवल
दिल्ली मेट्रो फेज चार में 65.10 किलोमीटर के तीन कॉरिडोर पर पहले ही दिन से ओपन लूप टिकटिंग वाले ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) गेट लगाएं जाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि यात्रियों को सफर करने के लिए...
दिल्ली मेट्रो फेज चार में 65.10 किलोमीटर के तीन कॉरिडोर पर पहले ही दिन से ओपन लूप टिकटिंग वाले ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) गेट लगाएं जाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि यात्रियों को सफर करने के लिए टोकन या स्मार्ट खरीदने की जरूरत नहीं होगी। वह अपने बैंक के डेबिट, क्रेडिट कार्ड या मोबाइल ऐप से क्यूआर कोड स्कैन करके सीधे किराये का भुगतान कर पाएंगे। इससे मेट्रो स्टेशन पर लगने वाली कतार भी खत्म होगी। स्टेशन पर ओपन एएफसी गेट भी लगाने की तैयारी है, जिससे यात्रियों के प्रवेश का समय के साथ ऊर्जा बचाने में भी मदद मिलेगी।
दिल्ली मेट्रो के मौजूदा नेटवर्क पर यह सुविधा फिलहाल एयरपोर्ट मेट्रो लाइन पर उपलब्ध है। अब मेट्रो फेज चार में डीएमआरसी पहले दिन से ही ओपन लूप टिकटिंग की सुविधा देने की तैयारी में है। मेट्रो सूत्रों की माने तो इससे यात्रियों को फायदा होगा कि उन्हें कार्ड रिचार्ज कराने या टोकन लेने में समय जाया नहीं करना पड़ेगा। वहीं मेट्रो को टोकन, टिकट वेंडिंग मशीन पर अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा, जिससे मेट्रो पर आर्थिक बोझ कम होगा। मेट्रो का कहना है कि न सिर्फ ओपन लूप टिकटिंग बल्कि नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) भी मेट्रो फेज चार पर पहले दिन से ही चलेगा। इससे दूसरे राज्य के मेट्रो कार्ड से दिल्ली के नेटवर्क पर सफर किया जा सकेगा।
मेट्रो नेटवर्क पर एक कार्ड से हो सभी भुगतान
दिल्ली मेट्रो सूत्रों की माने तो डीएमआरसी ऐसे पेमेंट गेटवे लाने की तैयारी में है, जिससे यात्रियों को मेट्रो नेटवर्क पर जुड़े किसी भी भुगतान के लिए अलग-अल कार्ड का प्रयोग न करना पड़े। एक ही कार्ड चाहे वह डेबिट, क्रेडिट हो मोबाइल पेमेंट ऐप हो वह मेट्रो सफर का किराये के साथ मेट्रो पार्किंग, मेट्रो फीडर बस का किराया भी दे सके।
ओपन एएफसी गेट में क्या अलग है
दिल्ली मेट्रो फेज चार में अपने सभी स्टेशनों पर ओपन एएफसी गेट भी लगाएंगे। जिससे मेट्रो स्टेशन परिसर में प्रवेश में लगने वाले समय में कमी आने के साथ ऊर्जा की भी बचत होगी। मौजूदा नेटवर्क पर जो एएफसी गेट लगे है, उसमें गेट बंद होता है। स्मार्ट कार्ड या टोकन लगाने के बाद वह खुलता है, यात्री के प्रवेश करने के बाद दोबारा बंद हो जाता है। इस तरह अगर किसी एएफसी गेट से दिनभर में 500 लोग प्रवेश किए तो वह उतनी बार खुलता और बंद होता है। ओपन गेट एएफसी गेट में हमेशा खुले रहेते हैं। जब स्मार्ट कार्ड में कोई तकनीकी खराबी होगी या पैस कम होंगे तभी वह बंद होगा। अन्यथा वह हमेशा खुला रहेगा। इससे उसमें लगी मोटर को बार-बार उसे खोलने और बंद करने के लिए नहीं चलेगा, जिससे ऊर्जा बचेगी। साथ ही गेट के खुलने और बंद होने में लगने वाले समय की भी बचत होगी।
2023 से फेज चार के कॉरिडोर पर परिचालन शुरू हो जाएगा
दिल्ली मेट्रो फेज चार में कुल तीन कॉरिडोर बन रहे हैं। सबसे पहला कॉरिडोर मौजपुर से मजलिस पार्क का है। 12.55 किलोमीटर के इस कॉरीडोर पर कुल आठ मेट्रो स्टेशन हैं। यह मौजूदा पिंक लाइन का विस्तार है। यह पूरी लाइन एलिवेटेड होने के साथ सबसे छोटी है। मेट्रो इसे सबसे पहले 2023 में परिचालन के लिए तैयार कर लेगी। दूसरी लाइन जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम तक 28.92 किलोमीटर लंबी है, जिसपर कुल 22 स्टेशन होंगे। यह 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। तीसरी तुगलकाबाद से एरोसिट कॉरिडोर जो कि 23.62 किलोमीटर लंबी है, जिसपर 16 मेट्रो स्टेशन है। इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
ये फायदा होगा
1. व्यस्त समय में टोकन, स्मार्ट कार्ड रिचार्ज की कतार खत्म हो जाएगी
2. एएफसी गेट से यात्रियों के प्रवेश में लगने वाले समय घटेगा
3. परिचालन घाटा उठा रही मेट्रो का खर्च घटेगा, टोकन काउंटर खत्म होंगे
4. नेशनल कॉमन मोबिलिटी कॉर्ड विस्तार में तेजी से मदद मिलेगी