नूंह गैंगरेप और डबल मर्डर केस में 7 साल बाद हुआ इंसाफ, सीबीआई कोर्ट ने 4 दोषियों को दी सजा-ए-मौत
हरियाणा में सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को नूंह के बहुचर्चित डिंगरहेड़ी गैंगरेप और दोहरे हत्याकांड में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों पर 8.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
हरियाणा के पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को नूंह के बहुचर्चित डिंगरहेड़ी गैंगरेप और डबल मर्डर के केस में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों पर 8.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साढ़े सात साल से अधिक के लंबे संघर्ष के बाद पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल सका। यह घटना हरियाणा के नूंह में 24-25 अगस्त 2016 की दरम्यिानी रात की है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने 10 अप्रैल को विनय उर्फ लंबू, जयभगवान, हेमंत चौहान और अयान चौहान को दोषी करार दिया था, जबकि सबूतों के अभाव में तेजपाल, अमित, रविंद्र, कर्मजीत, संदीप और राहुल वर्मा को बरी कर दिया।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि चारों दोषियों को अदालत ने शनिवार को फांसी की सजा सुनाई। इस मामले में एक अन्य आरोपी अमरजीत जेल से पैरोल पर आने के बाद से फरार है।
पीड़ित पक्ष के वकील असद हयात ने कहा कि अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन बरी किए गए आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए अपील करेंगे। उल्लेखनीय है कि 24-25 अगस्त 2016 की रात एक नाबालिग समेत दो सगी बहनों के साथ उनके घर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उनके गहने और नकदी भी लूट लिए। वहीं, उनके भाई और भाभी की हत्या कर दी गई। कुल पांच लोग घायल हुए थे।
भाषा के अनुसार, हरियाणा पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। राज्य सरकार के निर्देश पर सीबीआई ने घटना की जांच का जिम्मा संभाल लिया था। एजेंसी ने विस्तृत जांच के बाद 24 जनवरी 2018 और 29 जनवरी 2019 को दो आरोप पत्र दायर किए थे।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘निचली अदालत ने 10 अप्रैल, 2024 को उपरोक्त चार आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 302, 307, 376-डी, 323, 459, 460 और यौन अपराधों से बच्चों के सरंक्षण (पॉक्सो) अधिनियम-2012 की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया था और सजा सुनाने के लिए बाद की तारीख तय की थी...।’’