खुशखबरी : नॉन सीटेट अतिथि शिक्षकों को पढ़ाने का एक और मौका मिला
सरकारी स्कूलों में पूर्व में सेवा दे रहे नॉन सीटेट अतिथि शिक्षकों की स्कूलों में वापसी का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा निदेशालय ने नॉन सीटेट अतिथि शिक्षकों को सीटेट पास करने के लिए समय सीमा बढ़ा दी...
सरकारी स्कूलों में पूर्व में सेवा दे रहे नॉन सीटेट अतिथि शिक्षकों की स्कूलों में वापसी का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा निदेशालय ने नॉन सीटेट अतिथि शिक्षकों को सीटेट पास करने के लिए समय सीमा बढ़ा दी है। सभी अतिथि शिक्षक 31 अक्टूबर तक सरकारी स्कूलों में सेवाएं देते रहेंगे।
शिक्षा निदेशालय ने मार्च में सरकारी स्कूलों में सेवा दे रहे 22 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों की सेवाएं अदालत के आदेश के बाद समाप्त कर दी हैं। इसे लेकर अतिथि शिक्षकों ने स्थायी नियुक्ति दिए जाने की मांग करते हुए 70 दिनों से अधिक तक प्रदर्शन भी किया था। निदेशालय ने जुलाई में 22 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों को अदालत के अगले आदेश तक स्कूलों में नियुक्ति देने का फरमान जारी किया था, लेकिन इसी कड़ी में तकरीबन 1500 नॉन सीटेट अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति नहीं दी गई थी।
पद न भरे जाने पर शिक्षा निदेशक को नोटिस जारी
नई दिल्ली (प्र.सं.)। आदेश के बावजूद विशेष शिक्षकों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू नहीं करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को मुख्य सचिव और शिक्षा निदेशक को अवमानना का नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव विजय कुमार देव और शिक्षा निदेशक बिनय भूषण को यह बताने को कहा है कि खाली पदों को भरने की प्रक्रिया क्यों शुरू नहीं की गई। दिल्ली में विशेष शिक्षकों के करीब एक हजार पद खाली हैं। न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने सैय्यद मेहंदी की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर यह आदेश दिया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि न्यायालय के 2 जुलाई, 2019 के आदेश का जानबूझकर पालन नहीं किया गया। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में सरकार को चार सप्ताह के भीतर मेहंदी सहित सभी योग्य आवेदकों को अधिकतम उम्रसीमा में छूट देकर विशेष शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्त करने का निर्देश दिया था, ताकि विशेष छात्रों को शिक्षा को मिल सके।