नोएडा : मार्च के मुकाबले मई में 7 गुना अधिक कोरोना मरीज
राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में कोरोना संक्रमण के मरीज मार्च के मुकाबले मई में सात गुना से भी अधिक बढ़ गए। मार्च में 38 कोरोना संक्रमित मरीज मिले थे। वहीं सिर्फ मई महीने में मरीजों की संख्या 276...
राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में कोरोना संक्रमण के मरीज मार्च के मुकाबले मई में सात गुना से भी अधिक बढ़ गए। मार्च में 38 कोरोना संक्रमित मरीज मिले थे। वहीं सिर्फ मई महीने में मरीजों की संख्या 276 है। अप्रैल के मुकाबले मरीजों की संख्या ढाई गुना से अधिक है। तीनों महीने में मरीजों की संख्या के बढ़ने का ट्रेंड करीब एक जैसा ही है। पहले दो महीने में इस बीमारी से पीड़ित किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई थी, लेकिन मई में सात मरीजों ने कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ा।
मार्च के मुकाबले अप्रैल में करीब ढाई गुना मरीज बढ़े। मार्च मे 38 मरीज थे तो अप्रैल में 100 संक्रमित हुए। वहीं, मई महीने में मरीजों की संख्या 276 हो गई, जो अप्रैल के मुकाबले ढाई गुना से अधिक है। मार्च और अप्रैल के कुल मरीजों के मुकाबले सिर्फ मई महीने में ही दोगुना लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए। मार्च और अप्रैल में संक्रमित मरीजों की संख्या 138 थी, जबकि मई महीने में ही 276 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारी चल रही है। जून महीने में एक और कोविड अस्पताल तैयार हो जाएगा। इसके अलावा लगातार शिविर लगाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। संदिग्ध मरीजों के नमूने लेकर जांच की जा रही है।
अप्रैल के मुकाबले मई में रिकवरी दर नौ प्रतिशत कम
अप्रैल के मुकाबले मई में रिकवरी दर नौ प्रतिशत कम रहा। हालांकि अप्रैल के मुकाबले दोगुना मरीज स्वस्थ हुए, लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने से रिकवरी दर अप्रैल के मुकाबले मई में नीचे रहा। अप्रैल में 100 मरीजों की पुष्टि की गई थी, जिसमें 84 मरीज स्वस्थ हुए। ऐसे में रिकवरी दर 84 प्रतिशत था। वहीं मई में 276 मरीजों की पुष्टि हुई, जिसमें से 206 मरीज स्वस्थ होकर घर गए। ऐसे में इस महीने की रिकवरी दर 74.63 रहा।
एक दिन में 31 मरीजों की पुष्टि
मई में एक दिन में सबसे अधिक 31 मरीजों की पुष्टि की गई। इस महीने तीन दिन ऐसे रहे जब 20 से अधिक मरीज संक्रमित मिले। वहीं आठ दिनों के अंदर पांच मौत हुईं। पूरे महीने में सात संक्रमितों की जान गई। मई के पहले सप्ताह से ही मरीजों की संख्या बढ़ने लगी थी। दूसरे सप्ताह में मौतों का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान कैंसर, किडनी के गंभीर मरीज, हृदय रोग, मधुमेह, हाइपरटेंशन से पीड़ित मरीज स्वस्थ हुए।