कोविड केसों में वृद्धि से दिल्ली में आज से नाइट कर्फ्यू लागू, इन लोगों को मिलेगी छूट
राजधानी दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से उत्पन्न खतरे के कारण दिल्ली में सोमवार रात से नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। दिल्ली आपदा प्रबंधन...
राजधानी दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से उत्पन्न खतरे के कारण दिल्ली में सोमवार रात से नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के एक आदेश के मुताबिक, उन सभी व्यक्तियों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी, जो छूट प्राप्त श्रेणी में नहीं आते हैं। डीडीएमए ने कहा कि नाइट कर्फ्यू अगले आदेश तक रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक जारी रहेगा।
कर्फ्यू में मरीजों और गर्भवती महिलाओं, आवश्यक वस्तुओं को खरीदने वाले लोगों और रेलवे स्टेशनों, बस स्टॉप और हवाई अड्डों से आने-जाने वालों को छूट दी जाएगी। डीडीएमए के आदेश में कहा गया है कि कर्फ्यू से छूट पाने वालों में आपातकालीन सेवाओं में शामिल सरकारी अधिकारी, न्यायाधीश और न्यायिक अधिकारी, चिकित्सा कर्मी और मीडियाकर्मी भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि कोविड टीकाकरण के लिए जाने वाले लोगों को एक वैध पहचान-पत्र और टीकाकरण केंद्र पर लिए गए समय का प्रमाण प्रस्तुत करने पर छूट दी जाएगी। भर्ती परीक्षाओं में बैठने वाले विद्यार्थियों और उम्मीदवारों को भी वैध पहचान और प्रवेश पत्र प्रस्तुत करने पर अनुमति दी जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि छूट प्राप्त श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले लोगों को नाइट कर्फ्यू के दौरान बाहर पाए जाने पर एक वैध पहचान-पत्र प्रस्तुत करना होगा। रेलवे स्टेशनों, बस स्टॉप और हवाई अड्डों को जाने या वहां से लौटने वालों को वैध टिकट प्रस्तुत करने पर छूट दी जाएगी।
डीडीएमए के आदेश में कहा गया है कि राजधानी दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की गई थी, और यह देखा गया है कि पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और संक्रमण की दर बढ़ने के साथ-साथ वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले भी बढ़े हैं।
आदेश में कहा गया है इसलिए, यह महसूस किया गया है कि लोगों की भलाई और सुरक्षा के लिए एक आपातकालीन उपाय के रूप में राजधानी दिल्ली में तत्काल प्रभाव से नाइट कर्फ्यू लगाने की आवश्यकता है।
कर्फ्यू प्रतिबंधों से छूट वाली अन्य श्रेणियों में पुलिस, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा कर्मी, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं, जिला प्रशासन, वेतन और लेखा कार्यालय, सार्वजनिक परिवहन, एनआईसी, एनसीसी और महिला एवं बाल विकास विभाग शामिल हैं।
निजी चिकित्सा कर्मी जैसे डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ, पैरा मेडिकल और अन्य अस्पताल सेवाएं जैसे जांच केंद्र, क्लीनिक और फार्मेसी, दवा कंपनियां, राजनयिकों के कार्यालयों के कामकाज से संबंधित अधिकारी और साथ ही संवैधानिक पदों पर रहने वाले, शैक्षणिक संचालन में शामिल सरकारी अधिकारी या भर्ती परीक्षाओं, डाक सेवाओं, बैंकों, बीमा कार्यालयों और एटीएम, आरबीआई तथा आरबीआई द्वारा आवश्यक सेवाओं के रूप में नामित सेवाओं, सेबी और शेयर बाजार से संबंधित कार्यालयों और एनबीएफसी जैसी आवश्यक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को भी छूट दी जाएगी।
आदेश के अनुसार भोजन, किराने का सामान, फल और सब्जियां, डेयरी और दूध, मांस और मछली, पशु चारा, फार्मास्यूटिकल्स और दवाएं, नेत्र रोग विशेषज्ञ, दूरसंचार और इंटरनेट केबल सेवाएं, पेट्रोल पंप, एलपीजी, सीएनजी, पेट्रोलियम और गैस खुदरा और भंडारण आउटलेट में दुकानें चलाने वाले लोग, बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण, आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयों, विमानन और संबंधित सेवाओं को भी छूट दी जाएगी।
डीडीएमए के आदेश में कहा गया है कि नाइट कर्फ्यू के दौरान मेट्रो ट्रेनों और सार्वजनिक परिवहन बसों में केवल छूट प्राप्त श्रेणी के लोगों को ही अनुमति दी जाएगी। छूट प्राप्त श्रेणियों के लिए अंतरराज्यीय आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा और नाइट कर्फ्यू के दौरान आवश्यक और गैर-जरूरी सामानों के परिवहन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, और इस तरह के कामों के लिए अलग से अनुमति या ई-पास की आवश्यकता नहीं होगी।
आदेश में कहा गया कि जिला मजिस्ट्रेट, उनके समकक्ष पुलिस उपायुक्त और सभी संबंधित अधिकारी आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। यदि कोई व्यक्ति डीडीएमए के निर्देशों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ संबंधित आपदा प्रबंधन अधिनियम और आईपीसी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि, दिल्ली में रविवार को कोविड-19 के 290 मामले दर्ज किए गए जब संक्रमण की दर 0.55 प्रतिशत रही। चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के अनुसार, यदि संक्रमण दर लगातार दो दिनों तक 0.5 प्रतिशत रहती है, तो एक 'येलो अलर्ट' जारी किया जाता है। 'येलो अलर्ट' जारी होते ही नाइट कर्फ्यू, स्कूल और कॉलेज बंद करना, मेट्रो ट्रेनों और बसों में बैठने की क्षमता आधी करना, गैर आवश्यक दुकानों और मॉल आदि को बंद करना सहित तमाम प्रतिबंध लागू हो जाते हैं।
ओमिक्रॉन केसों में दिल्ली सबसे आगे, भारत में कुल संख्या बढ़कर हुई 578
भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट के एक दिन में सर्वाधिक 156 मामले सामने आए हैं और इसी के साथ देश में कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 578 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित 578 लोगों में से 151 ठीक हो गए हैं या विदेश चले गए हैं। ओमिक्रॉन के संक्रमण के ये मामले 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सामने आए हैं। दिल्ली में सर्वाधिक 142, इसके बाद महाराष्ट्र में 141, केरल में 57, गुजरात में 49, राजस्थान में 43 और तेलंगाना में 41 मामले सामने आए हैं।