मेट्रो कॉरिडोर, ई-बसें, रैपिड रेल और इलेक्ट्रिक वाहन, नये साल में दिल्ली को कई सौगात
जी-20 सम्मेलन को देखते हुए दिल्ली की सड़कों पर डबल डेकर बस भी देखने को मिल सकती हैं। इनकी खरीद को लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव भेज रखा है। विभाग उन सड़कों का सर्वे कर रहा है, जहां इसे चलाया जा सके।
परिवहन क्षेत्र में बदलाव के लिहाज से आने वाला साल काफी अहम होगा। नए साल में तीन मेट्रो कॉरिडोर समेत 1500 ई-बसों की सौगात मिलेगी। वहीं, राजधानी इलेक्ट्रिक व्हीकल के उपयोग के मामले में पूरे देश के लिए रोल मॉडल बनेगी। डीटीसी के बेड़े में बड़ी संख्या में नई इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही निजी तौर पर भी लोग इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग कर सकें, उसके लिए बड़ा चार्जिंग ढांचा भी बन जाएगा। उधर, दिसंबर तक 12 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर भी मेट्रो परिचालन के लिए खोल दिया जाएगा।
आनंद विहार से सराय काले खां के बीच रैपिड रेल का ढांचा बनकर तैयार होगा और ट्रायल शुरू हो जाएगा, लेकिन रैपिड रेल की सुविधा 2024 में ही मिल पाएगी। जी-20 सम्मेलन को देखते हुए दिल्ली की सड़कों पर डबल डेकर बस भी देखने को मिल सकती हैं। इनकी खरीद को लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव भेज रखा है। विभाग उन सड़कों का सर्वे कर रहा है, जिन पर इन्हें चलाया जा सके। अगर सर्वे रिपोर्ट पक्ष में आती है तो मार्च से पहले डबल डेकर बसें चलने लगेंगी।
दिल्ली के बेड़े में होंगी सबसे अधिक ई-बसें
अभी तक दिल्ली की सड़कों पर 250 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। 50 नई बसें आ चुकी हैं, जिनके पंजीकरण की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। इसके बाद कुल बसों की संख्या 300 हो जाएगी, लेकिन नए साल में 1500 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल होनी हैं, जिनका ऑर्डर सरकार दे चुकी है। इसके बाद कुल इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 1800 हो जाएगी। सरकार का दावा है कि दिल्ली देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जिसके बेड़े में इतनी इलेक्ट्रिक बसें शामिल होंगी।
ई-चार्जिंग स्टेशन में परिवर्तित किए जाएंगे 55 डिपो
इलेक्ट्रिक बसों को बेहतर तरीके से चलाने के लिए दिल्ली सरकार सभी 55 डिपो को इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन में बदलने की दिशा में काम कर रही है। 17 डिपो को चार्जिंग स्टेशन के तौर पर बदला जा चुका है। अन्य को नए साल में बदल दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य 2025 तक परिवहन बेड़े में 80 फीसदी यानी 8180 इलेक्ट्रिक बसों का शामिल करना है। इसी को ध्यान में रखकर चार्जिंग स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए ईवी पॉलिसी पर भी जोर दिया जा रहा है।
अगले साल रिंग मेट्रो का तोहफा मिल सकता है
दिल्ली मेट्रो फेज-4 के 65 किलोमीटर के तीन कॉरिडोर के काम ने रफ्तार पकड़ ली है। तीन कॉरिडोर का औसतन 30 फीसदी से अधिक काम हो चुका है। सबसे छोटे 8 स्टेशन वाले 12.58 किलोमीटर लंबे मुकुंदपुर से मौजपुर कॉरिडोर पर अगले साल के अंत तक सेवाएं शुरू हो सकती हैं। मेट्रो प्रबंधन ने दिसंबर 2023 तक लक्ष्य रखा है।
यह कॉरिडोर शुरू होता है तो पिंक लाइन (मजलिस पार्क से शिव विहार) की यह विस्तार लाइन दिल्लीवालों के लिए पहला रिंग मेट्रो लाइन का तोहफा भी होगा। फेज-4 के दो अन्य कॉरिडोर एरोसिटी से तुगलकाबाद (23.62 किलोमीटर) और जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम (28.92 किलोमीटर) का काम दिसंबर 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य है।