स्वच्छता सर्वेक्षण: NDMC ने किया सुधार, 'सबसे स्वच्छ शहरों' की श्रेणी में हासिल किया कौन सा स्थान?
वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (New Delhi Municipal Council, NDMC) एनडीएमसी द्वारा प्रशासित नई दिल्ली क्षेत्र को 'सबसे स्वच्छ शहर' श्रेणी में सातवां स्थान मिला है।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (New Delhi Municipal Council, NDMC) एनडीएमसी द्वारा प्रशासित नई दिल्ली क्षेत्र को केंद्र के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में 'सबसे स्वच्छ शहर' श्रेणी में सातवां स्थान मिला है। इंदौर और सूरत को देश में सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है जबकि नवी मुंबई ने सर्वेक्षण में तीसरा स्थान बरकरार रखा है। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- गर्व का क्षण! एनडीएमसी प्रशासित नई दिल्ली क्षेत्र ने अखिल भारतीय स्वच्छ शहर श्रेणी में 7वीं रैंक हासिल किया है। यह रैंक 9 से 2 रैंक ऊपर चढ़कर 7वीं रैंक पर पहुंच गई है।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- एनडीएमसी अगले साल स्वच्छ शहरों की श्रेणी में शीर्ष तीन में रहने का प्रयास करेगी। एनडीएमसी ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 पुरस्कार में 5 स्टार कचरा मुक्त शहर का दर्जा भी हासिल किया। यही नहीं केंद्र शासित प्रदेश के भीतर इसने सबसे स्वच्छ शहर का स्थान भी हासिल किया। स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में, महाराष्ट्र ने शीर्ष स्थान हासिल किया, उसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थान रहा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार दिये। इस कार्यक्रम में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य शामिल हुए। इंदौर ने लगातार सातवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीता। सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले सभी शहरों में महाराष्ट्र के सासवड ने सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल किया।
इसी श्रेणी में छत्तीसगढ़ के पाटन ने दूसरा जबकि महाराष्ट्र के लोनावला ने तीसरा स्थान हासिल किया। गंगा नदी के पास वाले शहरों में वाराणसी को सबसे अच्छा एवं स्वच्छ शहर चुना गया। प्रयागराज को दूसरा स्थान मिला। सबसे स्वच्छ छावनी बोर्डों की श्रेणी में मध्य प्रदेश का महू छावनी बोर्ड को पहला स्थान मिला। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में 4,447 शहरी स्थानीय निकायों ने भाग भाग लिया। सरकार का कहना है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है। यही नहीं इसमें 12 करोड़ नागरिकों की प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं।