NCR की रफ्तार को लगेंगे पंख, गाजियाबाद में मोदीनगर के मास्टर प्लान-2031 को मंजूरी; एक-दो नहीं इतने होंगे फायदे
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड बैठक में मोदीनगर के मास्टर प्लान-2031 के ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई, जबकि गाजियाबाद और लोनी का मास्टर प्लान खामियां मिलने से अटक गया।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड बैठक में मोदीनगर के मास्टर प्लान-2031 के ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई, जबकि गाजियाबाद और लोनी का मास्टर प्लान खामियां मिलने से अटक गया। इससे नाराज मंडलायुक्त ने खामियों को दूर करते हुए आगामी बोर्ड बैठक में रखने के निर्देश दिए हैं।
जीडीए बोर्ड अध्यक्ष और मेरठ मंडलायुक्त सेलवा कुमारी जे. की अध्यक्षता में शुक्रवार को मेरठ स्थित कार्यालय में 162वीं बोर्ड बैठक हुई। इसमें चार प्रस्ताव शामिल किए गए। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में मास्टर प्लान 2031 को लेकर मंथन होता रहा। मंडलायुक्त ने सभी बिंदुओं पर अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की। इसके बाद मोदीनगर मास्टर प्लान-2031 के ड्राफ्ट को हरी झंडी दे दी गई। अब यह ड्राफ्ट 10 दिन के भीतर शासन को भेजा जाएगा।
तेजी से विकास होगा : मोदीनगर मास्टर प्लान के ड्राफ्ट को मंजूरी मिलने से यहां तेजी से विकास हो सकेगा। वर्तमान क्षेत्र की तुलना में मोदीनगर और मुरादनगर में 60 हेक्टेयर क्षेत्र बढ़ जाएगा। इससे यहां लैंड यूज बदलकर आवासीय, व्यावसायिक के साथ औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। भोजपुर रोड के दोनों तरफ 500 मीटर तक की भूमि मिश्रित लैंड यूज हो सकेगी, जिससे यहां आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियां हो सकेंगी। वहीं, भोजपुर को औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा सकेगा। यहां निजी उद्यमी उद्योग लगा सकेंगे। साथ ही, निवाड़ी रोड को भी विकसित किया जाएगा। यहां बड़े ग्रुप हाउसिंग, उद्योग, मॉल आदि खुल सकेंगे। इस बोर्ड बैठक में जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, सचिव राजेश कुमार सिंह, ओएसडी सुशील चौबे, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
बैठक का बहिष्कार किया
जीडीए की बोर्ड बैठक का बोर्ड सदस्यों ने बहिष्कार किया। शासन से नियुक्त किए गए जनप्रतिनिधियों की ओर से दोनों सदस्य बैठक में शामिल नहीं हुए। बोर्ड सदस्य पवन गोयल ने कहा कि शासनादेश के तहत 15 दिन पहले बोर्ड का एजेंडा सभी सदस्यों को मिलना चाहिए था, लेकिन इस बोर्ड का एजेंडा उन्हें 27 सिंतबर को मिला, जबकि 29 सितंबर को बोर्ड बैठक थी। उन्होंने जीडीए अधिकारियों को बोर्ड सदस्यों की अनदेखी करते हुए मनमानी करने का आरोप लगाया। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव आवास अनुभाग और बोर्ड बैठक की अध्यक्ष को ज्ञापन भी भेजा। बोर्ड सदस्य केशव त्यागी ने बैठक में शामिल नहीं हुए।
लोनी के मास्टर प्लान पर भी सहमति नहीं बन सकी
बोर्ड बैठक में लोनी के मास्टर प्लान पर भी सहमति नहीं बन सकी। ड्राफ्ट में नॉन कंफर्मिंग जोन के लिए आपत्ति और सुझाव नहीं मांगे गए थे, जो अब मांगे जाएंगे। इन्हें आगामी बैठक में रखा जाएगा। गाजियाबाद और लोनी के ड्राफ्ट को मंजूरी मिलने के बाद दोनों क्षेत्रों में आवासीय, व्यावसायिक आदि गतिविधियां हो सकेंगी।
दुहाई डिपो स्टेशन पर टीओडी जोन लागू
रैपिड रेल कॉरिडोर के साथ दुहाई डिपो स्टेशन को ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) घोषित कर दिया गया। कॉरिडोर के दोनों ओर 500-500 मीटर और दुहाई डिपो समेत अन्य सभी स्टेशन के 1.5 किलोमीटर परिधि की भूमि मिक्सड लैंड यूज है। ऐसे में यहां पर भी आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियां हो सकेंगी।
संशोधित डीपीआर की फिर से जांच करने के निर्देश
बोर्ड बैठक में वेव और सन सिटी की संशोधित डीपीआर पर सहमति नहीं बन सकी। मंडलायुक्त ने कहा कि संशोधित डीपीआर की दोबारा से जांच की जाए। इसमें देखा जाए कि डीपीआर में दिखाई गई जमीन का मालिक कौन है। यह जमीन निजी विकासकर्ता ने खरीद ली है या नहीं। वहीं, कैग की 572 करोड़ रुपये की आपत्ति को देखते हुए बिल्डर की उतनी कीमत की जमीन बंधक रखी जाए या फिर उतने ही कीमत की बैंक गारंटी दे।