नमो भारत कॉरिडोर से जुड़ा नया अपडेट आया सामने, जमीन मालिकों को होगा फायदा
नमो भारत ट्रेन कॉरिडोर पर टीओडी पॉलिसी लागू है। ऐसे में इस कॉरिडोर के दोनों तरफ अवैध निर्माण पर सख्ती की जा रही है। साथ ही इसका जोनल प्लान बनने के बाद यहां योजनाबद्ध तरीके से विकास किया जाएगा।
नमो भारत ट्रेन कॉरिडोर के ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) जोन और विशेष विकास क्षेत्र का जोनल प्लान तैयार हो रहा है। आचार संहिता हटते ही इसके तैयार होने पर क्षेत्र की भूमि का भू-उपयोग मिश्रित होगा, जिससे यहां योजनाबद्ध तरीके से आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियां हो सकेंगी। इस कारण प्राधिकरण यहां होने वाले अवैध निर्माण पर सख्ती कर रहा है।
शासन की टीओडी पॉलिसी के अनुसार, नमो भारत ट्रेन कॉरिडोर के दोनों ओर 500-500 मीटर और स्टेशन के 1.5 किलोमीटर के दायरे में मिश्रित भू उपयोग (मिक्स लैंड) घोषित किया है। जीडीए और आवास विकास परिषद ने इस पॉलिसी के तहत अपने क्षेत्रों के स्टेशन और कॉरिडोर की लाइन के दोनों तरफ इसे लागू भी कर दिया। दुहाई डिपो को भी इसमें शामिल किया गया है। इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए नोडल एजेंसी एनसीआरटीसी जोनल प्लान तैयार कर रही है, ताकि क्षेत्र का योजनाबद्ध तरीके से विकास किया जा सके। ऐसे में जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने इस क्षेत्र में अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जमीन मालिकों को फायदा
इस कॉरिडोर के आसपास जिन लोगों की जमीन है, उन्हें फायदा होगा। अब तक डेढ़ से दो फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) मिलता है, जो नई पॉलिसी के तहत पांच एफएआर तक हो जाएगा। इससे कई गुना ऊंचाई की इमारतें बनेंगी। पॉलिसी में निर्मित क्षेत्र में 3.5 एफएआर, विकसित क्षेत्र में चार एफएआर और अविकसित क्षेत्र में पांच एफएआर देने का प्रावधान है। टीओडी स्कीम से 50 फीसदी प्राधिकरण और परिषद को आय होगी, जबकि 50 फीसदी एजेंसी के खाते में जाएगा।
अवैध निर्माणों पर नजर
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने प्रवर्तन जोन एक प्रभारी ओएसडी कनिका कौशिक को सख्त निर्देश दिए हैं कि ओटीएस जोन क्षेत्र में अवैध निर्माण न हो। ओएसडी लगातार इस क्षेत्र में निरीक्षण कर रही हैं। उन्होंने अधिकारियों और सुपरवाइजरों को अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
टाउनशिप और मॉल बनेंगे
यहां की भूमि मिश्रित भू उपयोग की होगी, जहां पर घर बनाने के साथ इसका व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकेंगे। यहां नई टाउनशिप बनाई जा सकती है। काम्प्लेक्स, मॉल, दफ्तर और रेस्तरां आदि भी खोले जा सकते हैं। प्राधिकरण और परिषद क्षेत्र को नए रूप में विकसित कर सकता है।
रोजगार मिलने के साथ कमाई भी होगी
कॉरिडोर से टीओडी जोन में नक्शा पास कराने के लिए भू-स्वामी को एनसीआरटीसी से एनओसी लेकर जीडीए या आवास विकास परिषद में जमा करनी होगी। इसके बाद ही जीडीए और आवास विकास टीओडी क्षेत्र में किसी भी प्रोजेक्ट का नक्शा पास करेगा। यहां रोजगार मिलने के साथ ही जीडीए या विकास परिषद की आय भी बढ़ेगी।
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि नमो भारत ट्रेन कॉरिडोर पर टीओडी पॉलिसी लागू है। ऐसे में इस कॉरिडोर के दोनों तरफ अवैध निर्माण पर सख्ती की जा रही है। साथ ही इसका जोनल प्लान बनने के बाद यहां योजनाबद्ध तरीके से विकास किया जाएगा।
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