मनी लॉन्ड्रिंग: सत्येंद्र जैन को फिर सुप्रीम कोर्ट से राहत, अंतरिम जमानत 12 सितंबर तक बढ़ी
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पी के मिश्रा ने धनशोधन के मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को खुद को अलग कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को धन शोधन मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत अवधि 12 सितंबर के लिए बढ़ा दी। हालांकि, शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा ने जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ के समक्ष जैन की जमानत याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी। जस्टिस बोपन्ना ने आप के वरिष्ठ नेता जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि यह पीठ मामले की सुनवाई नहीं कर सकती।
इसके बाद पीठ ने मामले को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखे जाने का निर्देश दिया, ताकि किसी अन्य पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के लिए उचित आदेश मिल सकें, जिसमें जस्टिस मिश्रा न हो। वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि मामले को सुनवाई के लिए थोड़ा समय दिए जाने की जरूरत है और उन्हें बहस के लिए कम से कम एक घंटा चाहिए। उन्होंने शीर्ष न्यायालय से मामले को मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह किया।
हालांकि, पीठ ने मामले की सुनवाई 12 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। साथ ही जैन की अंतरिम जमानत की अवधि भी तब तक के लिए बढ़ा दी है। शीर्ष न्यायालय ने 25 अगस्त को भी पूर्व मंत्री जैन की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी थी। पिछली सुनवाई पर जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने मुवक्किल की चिकित्सीय स्थितियों से अवगत कराया था। उन्होंने कहा था कि जैन को गंभीर बीमारियां हैं और उन्हें फिजियोथेरेपी इलाज की जरूरत है। जैन की 21 जुलाई को रीढ़ की सर्जरी हुई थी। दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जैन की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग का विरोध किया था।