मनी लॉन्ड्रिंग केस: सत्येंद्र जैन को दस्तावेज जांचने की मिली अनुमति, पिछले महीने किया था आवेदन
सतेन्द्र जैन ने एक नवंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट में ईडी की ओर से आरोप पत्र के साथ दाखिल किए गए दस्तावेजों की जांच के लिए आवेदन किया था।
कथित मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री संत्येंद्र जैन को दस्तावेजों की जांच की इजाजत मिल गई है। जैन ने एक नवंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट में ईडी की ओर से आरोप पत्र के साथ दाखिल किए गए दस्तावेजों की जांच के लिए आवेदन किया था। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल की अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने जैन पर जानबूझकर ट्रायल में देरी का आरोप लगाया था।
निदेशालय की ओर से पेश वकील ने कहा कि आरोप पत्र 2022 में दाखिल किया गया था। इस दौरान एक साल तक ट्रायल हुआ है, लेकिन बचाव पक्ष ट्रायल में देरी कराने के लिए ऐसे आवेदन लगा रहा है। इस पर बचाव पक्ष ने कहा कि देरी की बात प्रवर्तन निदेशालय क्यों कर रहा है। जब एफआईआर दर्ज होने के पांच साल बाद गिरफ्तारी और कार्रवाई शुरू की गई।
असल में देरी तो निदेशालय ने की है। बचाव पक्ष तो सिर्फ अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर रहा है और दस्तावेजों की जांच करना चाहता है। कोर्ट ने आवेदन को स्वीकार करते हुए जैन को अगले पंद्रह दिन में किसी भी दिन दस्तावेज जांचने की अनुमति दी है। हालांकि इस दौरान जांच अधिकारी को पहले सूचित किया जाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत की अवधि शुक्रवार को चार दिसंबर तक बढ़ा दी। जज बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए चार दिसंबर की तारीख निर्धारित की क्योंकि सुनवाई में शामिल रहे जज ए एस बोपन्ना आज मौजूद नहीं थे। पीठ ने कहा,'' इस बीच पूर्व में दी गई अंतरिम जमानत, सुनवाई की अगली तारीख तक बढ़ाई जाती है।''
इससे पहले शीर्ष अदालत ने जैन की अंतरिम जमानत की अवधि नौ अक्टूबर तक बढ़ाई थी और कहा था शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित कार्यवाही को मामले की सुनवाई में देरी करने का बहाना न बनाएं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया था कि आप नेता निचली अदालत में इस आधार पर बार-बार स्थगन की मांग कर रहे हैं कि उनकी जमानत याचिका शीर्ष अदालत में लंबित है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि जैन ने निचली अदालत से करीब 16 बार तारीख ली हैं।
उच्चतम न्यायालय ने 26 मई को जैन को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के लिए छह सप्ताह की अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि किसी नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है। अदालत ने 12 सितंबर को इस मामले में जैन की अंतरिम जमानत 25 सितंबर तक बढ़ा दी थी।