मोबाइल के मैसेज ने साबित किया नकली डॉन का गुनाह, कारोबारियों से मांगता था करोड़ों की रंगदारी
प्रणय तिवारी ने पकड़े जाने के डर से कीपैड वाले मोबाइल का इस्तेमाल किया। वह आवाज बदलकर खुद को डॉन बताते हुए कारोबारियों को धमकी देता था। सिम उसके नाम पर नहीं थी, इसलिए उसे लगा कि वह पकड़ा नहीं जाएगा।
चॉकलेट के शोरूम में काम करने वाला एक शख्स ग्राहकों को फोन कर करोड़ों की रंगदारी मांगने लगा। खुद को आतंकी संगठन से जुड़ा डॉन रिजवान खान बताकर लोगों को धमकी दी। इसके लिए फर्जी दस्तावेज पर लिए सिमकार्ड और साधारण मोबाइल का इस्तेमाल किया, लेकिन इसी मोबाइल फोन से भेजे गए मैसेज ने अदालत में उसका अपराध साबित कर दिया। अदालत ने आरोपी प्रणय तिवारी को दोषी करार दिया है।
वर्ष 2017 में दिल्ली के कई बड़े कारोबारियों को रिजवान खान के नाम से धमकी आने लगी थी। किसी से दो करोड़ तो किसी से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी गई। खुद को आतंकी संगठन से जुड़ा डॉन बताकर वह कारोबारी और उनके परिवारों को जान से मारने की धमकी देने लगा। उस दौरान दिल्ली के साकेत, द्वारका साउथ, वसंत कुंज नॉर्थ और अपराध शाखा में इस तरह की एफआईआर दर्ज हुईं। सभी को एक ही तरह की धमकी मिली थी। क्राइम ब्रांच ने छानबीन की तो पता लगा कि आरोपी मध्य प्रदेश के रीवा में है।
पुलिस वहां पहुंची और उसे रंगदारी की रकम देने की बात बोलकर 11 सितंबर 2017 को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से मोबाइल और सिम कार्ड भी बरामद हो गया। उसने बताया कि चॉकलेट शोरूम में फीडबैक फॉर्म भरने वालों की जानकारी उसके पास थी, इसलिए वह उन्हीं लोगों को कॉल कर रंगदारी मांगता था।
अदालत ने पाया कि ग्रेटर कैलाश वाले मामले में कारोबारी को धमकी देने के लिए इसी मोबाइल का इस्तेमाल हुआ है। उसके मोबाइल से धमकी भरे कुछ मैसेज भी मिले। इसके आधार पर अदालत ने प्रणय तिवारी को दोषी माना है।
आवाज बदलकर धमकी दी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रणय तिवारी ने पकड़े जाने के डर से सामान्य की पैड वाले मोबाइल का इस्तेमाल किया। वह आवाज बदलकर खुद को डॉन बताते हुए कारोबारियों को धमकी देता था। सिम उसके नाम पर नहीं थी, इसलिए उसे लगा कि वह पकड़ा नहीं जाएगा, इसलिए उसने कई मैसेज डिलीट नहीं किए थे। प्रणय को केवल ग्रेटर कैलाश वाले मामले में दोषी ठहराया गया है। उसके खिलफ तीन अन्य मामले पटियाला हाउस और द्वारका अदालत में चल रहे हैं।
कहीं भी फीडबैक फॉर्म भरते समय रहें सावधान
इस मामले में जिन कारोबारियों को धमकी मिली, उन सभी ने वसंतकुंज स्थित मॉल से चॉकलेट खरीदी थी। वहां उन्होंने फीडबैक फॉर्म भरा था, जिसमें उनका नाम, मोबाइल नंबर, पता, जन्मदिन आदि जानकारी दी थी। इसी जानकारी का इस्तेमाल कर वहां काम करने वाले प्रणय ने उन्हें धमकी दी थी।